रवि योग में आज मनेगी बसंत पंचमी, खरीदारी और विवाह के लिए शुभ

Update: 2024-02-14 01:15 GMT

ग्वालियर। माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विषेश पूजा-अर्चना की जाती है। बसंत पंचमी पर रवि योग भी रहेगा। यह योग स्वर्ण की खरीदी और नवीन प्रतिष्ठान के शुभारंभ के लिए विशेष माना गया है। इस दिन विवाह सहित शुभ कार्य बिना किसी मुहुर्त देखे किए जा सकते हैं।

बसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त:-

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से हुई है। बुधवार 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 14 फरवरी को यह त्योहार मनाया जाएगा। बसंत पंचमी वाले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस दिन पूजा के लिए करीब 5 घंटे 35 मिनट तक का समय है।

बसंत पंचमी की पूजा विधि:-

बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनें। उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं। इसके बाद पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। इस दिन सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं। साथ ही पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद सरस्वती वंदना एवं मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें। आप चाहें तो पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं। आखिर में हवन कुंड बनाकर हवन सामग्री तैयार कर लें और ‘ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा’ मंत्र की एक माला का जाप करते हुए हवन करें। फिर अंत में खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करें।

गृह प्रवेश और वाहन खरीदी के लिए है श्रेष्ठ मुुहुर्त:-

बसंत पंचमी पर अबूझ मुहुर्त होने के कारण वाहन खरीदारी, वस्त्र अलंकार, इलेक्ट्रोक्सि का सामान, नवीन घर में प्रवेश, मुंडन, देव प्राण प्रतिष्ठा के लिए भी यह श्रेष्ठ दिन है। यह दिन विवाह के लिए भी बहुत शुभ होता है। इस दिन विवाह के लिए कोई मुहुर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है। इस दिन सामूहिक विवाह आदि भी किए जा सकते हैं। इस दिन विवाह समारोह अधिक होने की वजह से सभी विवाह स्थल पहले से ही बुक हो चुके हैं। साथ ही बैण्ड बाजा, घोड़ी वाले, हलवाई और कैटर्स भी इस दिन के लिए बुक हो चुके हैं।

भगवान चक्रधर और गिरिराजधरण का होगा बसंती श्रृंगार, भोग में बंटेगा बसंती भात:-

श्री सनातन धर्म मंदिर में बुधवार को बसंत पंचमी का उत्सव श्रद्धा-भाव के साथ मनाया जाएगा। इस दिन सुबह के समय भगवान चक्रधर और गिरिराजधरण का बसंती श्रृंगार होगा। भगवान को बसंती पगड़ी और बसंती कमरधनी पहनाई जाएगी। भोजन में भगवान को मटर-पनीर, आलू की सब्जी के साथ रायता, खीर और पालक व मैथी की पूड़ी परोसी जाएगी। सायं 6:30 बजे संध्या आरती उपरांत भक्तों को बसंती भात का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही भगवान को बसंत उत्सव के भजन सुनाए जाएंगे।

माधव बाल निकेतन में मनेगा मातृ पितृ पूजन दिवस:-

माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम में मातृ पितृ का पूजन कर बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। आश्रम के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव ने बताया कि अभी आश्रम में 25 वृद्ध माता-पिता हंै, उनका बुधवार को दोपहर एक बजे रोली, चंदन, फूल माला पहनाकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाएगा। 

Tags:    

Similar News