कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग और कृत्तिका नक्षत्र में होगा स्नान, जानिए देव दीपावली का महत्व
नईदिल्ली। कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिव योग, सिद्ध योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा को शिव योग प्रात:काल से लेकर रात 11:39 बजे तक है, उसके बाद से सिद्ध योग अगले दिन तक रहेगा। पूर्णिमा वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा और 28 नवंबर को प्रात: 06 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। कार्तिक पूर्णिमा को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट तक कृत्तिका नक्षत्र है, उसके बाद से रोहिणी नक्षत्र है।
- कार्तिक पूर्णिमा देवताओं के लिए महत्वपूर्ण क्यों
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी और देवता कार्तिक पूर्णिमा को शिव नगरी काशी की गंगा नदी एवं पंचनद संगम के पवित्र जल में स्नान करने आते हैं और संध्या काल में दीपक जलाते हैं। इस कारण से इस दिन को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है । अतः कार्तिक पूर्णिमा को प्रदोष काल में देव दीपावली मनाई जाती है । कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, प्रयाग, वाराणसी , पंचनद आदि सभी मंदिरों और गंगा यमुना के घाटों को दीपों से सजाया जाता है।देव दीपावली पर पंचनद तट की अलौकिक और भव्य छटा देखने को मिलती है।
- कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव ने असुरराज त्रिपुरासुर का वध किया था इस कारण कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं मान्यता है कि इस दिन समस्त देवता संयुक्त रूप से पचंनद पर भगवान शिव की पूजा करते हैं। भगवान शिव की कृपा से देवों को त्रिपुरासुर के आतंक से मुक्ति मिली थी। इसलिए देवता कार्तिक पूर्णिमा को पंचनद में स्नान करने के बाद देव दीपावली मनाते हैं।