22 मार्च से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि, इस बार नाव पर सवार होकर आएंगी 'मां दुर्गा'

चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिन के होंगे। नवरात्रि के दिनों में इस बार 3 सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

Update: 2023-03-14 07:11 GMT

वेबडेस्क। शक्ति की आराधना का महापर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होगा। इसके साथ ही नव संवत्सर की भी शुरुआत हो जाएगी। इस बार की नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन नाव पर और प्रस्थान डोली पर होगा। इस बार नवरात्रि में चार योगों का महासंयोग भी बन रहा है। नवरात्रि पूरे नौ दिन की होंगी।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार,  चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिन के होंगे। नवरात्रि के दिनों में इस बार 3 सर्वार्थ सिद्धि योग, 3 रवि योग और दो अमृत सिद्धि योग के साथ गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग भी नवरात्रि में रहेगा।सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को रहेगा। वही अमृत सिद्धि योग 27 और 30 मार्च को और रवि योग 24, 26, 29 मार्च को रहेगा। नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी पर गुरु पुष्य नक्षत्र का महासंयोग भी बनेगा।

नव दुर्गा के साथ गौरी पूजन का विधान:-

चैत्र नवरात्रि पर नव दुर्गा के साथ ही गौरी की पूजा का भी विधान है। 22 मार्च को प्रथम शैलपुत्री की पूजा के साथ ही घट स्थापना की जाएगी। 30 मार्च को महागौरी की पूजा के साथ ही रामनवमी मनाई जाएगी। 31 मार्च को नवरात्रि का पारण होगा। दुर्गा सप्तशती के अनुसार नवरात्र बुधवार को शुरू हो रहा है। ऐसे में माता का आगमन नौका पर होगा। जो फसल, धन, धान्य और विकास के लिए काफी लाभदायक रहेगा।

नवरात्रि तिथि और मुहूर्त:-

इस साल चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 मार्च की रात 10:52 से होगी। अगले दिन 22 मार्च 2023 की रात 8:20 पर इस तिथि का समापन होगा। वहीं उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 को होगी।

शीतला अष्टमी 15 को:-

शीतलाष्टमी 15 मार्च को मनाई जाएगी और घर-घर में माता शीतला की पूजा होगी। माता शीतला को बसौड़ा का भोग लगाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार शीतला अष्टमी व्रत करने से वृत्ती के कुल में ज्वर पीड़ा विस्फोटक चेचक दुर्र्गंध फोड़े नेत्रों के समस्त रोग शीतला की फुंसियों के चिन्ह तथा शीतला जनित रोग दूर हो जाते हैं। इस व्रत के करने से शीतला देवी प्रसन्न होती हैं। 

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