मकर में शनि मंगल की युति से विश्वयुद्ध की स्थिति के साथ आसमान छुएगी महंगाई
वेबडेस्क। शनि महाराज मकर राशि में 24 जनवरी 2020 से भ्रमण कर रहे हैं । पिछले 2 वर्षों से पूरे विश्व में अशांति, रोग एवं भारत-चीन के मध्य भी तनाव बढ़ा हुआ है। 2020 में तो भारत-चीन के मध्य विवाद में चलते कई सैनिक हताहत हुए थे, उस समय भी शनि मकर राशि में गोचर हो रहा था। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार शनि का मकर राशि में गोचर 28 अप्रैल 2022 तक रहेगा लेकिन मंगल और शनि की युति 7 अप्रैल तक रहेगी और तब तक पूरे विश्व में तनातनी का माहौल रहेंगा रसिया और यूक्रेन का विवाद भी इसके बाद ही शान्त होगा ।
हिंसा, रक्तपात, युद्ध, रोग आदि यह चलते रहने की संभावनाएं है। वैसे शनि मकर राशि में हर 30 साल बाद आते हैं, यह कोई नया विषय नहीं है यदि इतिहास देखे तो शनि के मकर राशि में रहते हुए 1962 हो या 1992-93 जब भी शनि का गोचर मकर राशि में होता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर दिखाई देता है। बड़े रोग फैलते हैं, युद्ध होते हैं, अराजकता फैलती है और महंगाई भी आसमान छूने लगती है।
डॉ तिवारी ने बताया कि मकर राशि में रहते हुए शनि भारत, रूस एवं अफगानिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्रों में हमेशा युद्ध के हालात का निर्माण करता है। 1962 में भारत-चीन के मध्य युद्ध हुआ था। 1992 में अफगानिस्तान में गृह युद्ध के बाद तालिबान को कब्जा हुआ था और अब 2022 में 30 साल के अंतर पर शनि ने इन्हीं क्षेत्रों में युद्ध या हिंसा करवाई है। शनि के साथ 27 फरवरी से मंगल का गोचर भी आरंभ हो जाएंगा जो और ज्यादा नुकसान दायक हो सकता हैं। मंहगाई के साथ, अराजकता, हिंसा, रक्तपात, प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही मकर राशि में शनि-मंगल की युति से देश-दुनिया में बड़े बदलाव होंगे । मंगल को क्रूर और गुस्सैल प्रकृति का ग्रह माना जाता है और मंगल के मकर राशि में प्रवेश करने पर देश-दुनिया में बड़े बदलाव होते हैं, और लोगों की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं ।
इसीलिए मंगल और शनि की युति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है । इस युति के प्रभाव से कुछ गंभीर समस्याएं, दुर्घटनाएं और सर्जरी आदि होने की आशंका है । मंगल को बेहद क्रूर और गुस्सैछल प्रकृति का माना जाता है । मंगल ग्रहों का सेनापति है जिसका असर हथियार, औजार, सेना, पुलिस और आग से जुड़ी जगहों पर होता है । इस ग्रह के अशुभ असर से गुस्सा बढ़ता है और विवाद होते हैं । मंगल के अशुभ असर के कारण आम लोगों में गुस्सा और इच्छाएं बढ़ने लगती हैं । इच्छाएं पूरी नहीं होने पर लोग गलत कदम उठा लेते हैं । जिससे विवाद और दुर्घटनाएं होती हैं । जिसका जीता जागता उदाहरण रसिया और यूक्रेन में दिखाई दे रहा है ।प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना बढ़ेगी ।
महंगाई बढ़ेगी -
डॉ तिवारी ने बताया कि वाहन दुर्घटनाएं प्राकृतिक आपदाएं मंदी माहमारी युद्ध होने की संभावना, रियल स्टेट के कारोबार में वृद्धि होगी । विदेशों में राजनीतिक उठापटक सत्ता परिवर्तन इत्यादि होने की संभावना बढ़ेगी । भारत और विदेशों में नया कानून लागू होने की संभावना होगी । पुलिस सेना कानून में बगावत या गलत निर्णय को लेकर विवाद होगा । भारतीय बाजारों में अचानक तेजी आएगी और व्यापार बढ़ेगा । अचानक किसी वस्तु के दाम बढ़ेंगे और बाजार से वह वस्तु गायब होगी । डिजिटल मुद्रा यानि क्रिप्टो करेंसी का बोलबाला रहेगा । पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा । पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा । मंगल की वजह से दुर्घटना होने की आशंका है । शिवरात्रि पर पंञ्च ग्राही योग बनने से भूकंप या अन्य तरह से प्राकृतिक आपदा आने की भी आशंका है । किसी भी विषय पर बड़ा आंदोलन होने की संभावना रहेगी । होटल रेस्टोरेंट वालों के लिए बहुत ही अच्छा समय होगा । सांस्कृतिक रूप से कोई कोई विवाद या उत्तल पुथल होने की संभावना । पृथ्वीपुत्र मंगल 26 फरवरी को धनु राशि की यात्रा समाप्त करके मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं ।