दशहरे पर करें इस...वृक्ष की पूजा, घर आएगी लक्ष्मी दौड़कर, जानें शस्त्र पूजन का मुहूर्त

Update: 2022-10-04 10:07 GMT

वेबडेस्क। महानवमी के साथ ही आज शारदीय नवरात्रि का समापन हो गया है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार नौ दिन शक्ति पूजा के बाद अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हर साल दशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष दशहरा 5 अक्टूबर 2022 बुधवार को मनाया जाएगा।  दशहरा के दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार अयोध्या नरेश श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। इसी के उपलक्ष्य में हर साल रावण, कुम्भकरण और मेघनाद का पुतला दहन किया जाता है। रावण का पुतला दहन कर अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है। विजयादशमी पर रावण दहन के बाद शमी के पेड़ की पूजा का विधान है।  आइए जानते हैं दशहरा पर क्यों होता है शमी वृक्ष का पूजन, महत्व और मुहूर्त- 

शमी पूजन का महत्व - 

आदि काल से दशहरे के दिन रावण का पुतला दहन और शमी पूजन की परंपरा सनातन संस्कृति में रही है। मान्यता के अनुसार भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण से युद्ध करने से पहले माँ दुर्गा और शमी के वृक्ष का पूजन किया था। इसी पूजा के प्रताप से उन्हें विजय मिली थी।  इसी के बाद से दशहरा पर शमी वृक्ष की उपासना शुरू हो गई।  

शमी के पत्ते बांटने का महत्व - 

दशहरे के दिन रावण दहन और शमी पूजन के बाद प्रियजनों में इसके पत्ते बांटने की परंपरा भी है। मान्यताओं के अनुसार शमी की पत्तियां सोने के समान मानी जाती हैं। इस दिन पतियों के वितरण और पूजन से आरोग्य और धन प्राप्ति का वरदान मिलता है।  शमी वृक्ष को पूजनीय माना जाता है ऐसे में कहते हैं कि विजयादशमी के दिन इसकी पत्तियां सुख, समृद्धि सौभाग्य और विजय का आशीर्वाद देती हैं, इसलिए रावण दहन के बाद इसे प्रियजनों को देकर शुभकामनाएं दी जाती है।  

वाहन एवं शस्त्र पूजन का मुहूर्त - 

  • शुभ मुहूर्त - सुबह : 7.44 से प्रात: 9.13 तक 
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02:13 - दोपहर 03:00  
  • अभिजीत  मुहूर्त - दोपहर 01.46 - दोपहर 03.48 
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