रामनवमी 2025: कल मनाया जाएगा प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव, जानिए पूजा का मुहूर्त और विधि

Ram Navami 2025: कल यानी 6 अप्रैल को पूरे भारत में रामनवमी का त्यौहार मनाया जायेगा। जिसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं।;

Update: 2025-04-05 16:23 GMT
कल मनाया जाएगा प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव, जानिए पूजा का मुहूर्त और विधि
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रामनवमी 2025: कल यानी 6 अप्रैल को पूरे देशभर में रामनवमी का त्यौहार मनाया जायेगा। इस दिन को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार भगवान् राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी की तिथि को हुआ था। जिसके उपलक्ष्य में यह पूरे देश में रामनवमी के तौर पर बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हर कोई भगवान् राम के भक्ति में डूबा रहता है। सभी भक्त बड़े ही भक्तिभाव से राम जी की पूजा करते हैं। 

रामनवमी 2025 की तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार नवमी तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल की शाम 7 बजकर 26 मिनट पर हो रही है, जो कि 6 अप्रैल की शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। चूंकि धार्मिक पर्वों की गणना उदया तिथि के अनुसार की जाती है, इसलिए रामनवमी का पावन पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा के लिए विशेष शुभ मुहूर्त प्रात: 11:08 बजे से दोपहर 1:29 बजे तक रहेगा। इस अवधि में रामलला की विधिपूर्वक आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होता है। इस समय भक्त भगवान के जन्म की खुशी में झूला सजाते हैं, रामजन्म की लीला करते हैं और भजन-कीर्तन के माध्यम से प्रभु की महिमा गाते हैं।

रामनवमी की पूजा विधि

रामनवमी की सुबह स्नान आदि से शुद्ध होकर साफ वस्त्र पहनने चाहिए। घर या मंदिर में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। फिर जल, अक्षत और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें। भगवान को गंगाजल से स्नान कराकर वस्त्र और आभूषण अर्पित करें। भोग में विशेष रूप से खीर, पंजीरी, फल और मिठाई चढ़ाएं। तुलसी दल का प्रयोग आवश्यक है। दीप, धूप जलाकर मंत्रों का जाप करें, रामचरितमानस या रामायण का पाठ करें और अंत में आरती के साथ पूजा पूर्ण करें।

रामनवमी पर क्या लगाएं भोग

रामनवमी पर भगवान राम को विशेष रूप से खीर और पंजीरी का भोग अर्पित किया जाता है। इसके अलावा फल, मिठाई, मेवे आदि का भी भोग लगाया जा सकता है। यह दिन रामभक्तों के लिए अत्यंत शुभ और पुण्यफलदायी होता है।

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