इस बार 5 जून व 5 जुलाई को पड़ने वाला चंद्रग्रहण किसके लिए होगा लाभकारी, जानें
ग्वालियर। चीन के वुहान लैब से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को लगभग बंधक बना लिया है। हर तरफ लॉकडाउन है। ऐसे में 5 जून व 5 जुलाई को पड़ने वाला चंद्रग्रहण चीन को उसकी कारस्तानी की सजा दिलाएगा।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार आगामी 5 जून व 5 जुलाई को चंद्रग्रहण पड़ने जा रहे हैं। यह चंद्रग्रहण चीन की कुंडली में विशेष प्रभाव डालने जा रहे हैं। 5 जून को पड़ने वाला चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि में होगा। जबकि 5 जुलाई को पड़ने वाला चंदग्रहण धनुराशि में घटित होगा। 5 जून को पड़ने वाला चंद्रग्रहण चीन के लाभ में दिखाई दे रहा है। वहीं 5 जुलाई को लगने वाला चंदग्रहण चीन के व्यय भाव में दिख रहा है। ऐसे में दोनों ही चंद्रग्रहण चीन के लिए अच्छे संकेत नहीं दे रहा है। लाभ भाव में जो चंद्रग्रहण पड़ेगा वह कहीं ना कहीं चीन को बहुत बड़ा नुकसान देने वाला होगा। कुंडली में 3, 7, 11 भाव चीन पर प्रभाव डालेंगे। तीसरा भाव पराक्रम, 7 भाव बिजनेस और 11 वां भाव गेम का होता है। ऐसे में वर्तमान समय में बहुत सारी कंपनियां चीन को छोड़ कर जाएंगी। ऐसी स्थिति में चीन को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होने की प्रबल संभावना है। वहीं व्यय भाव में 5 जुलाई को चंद्रग्रहण पड़ने से चीन की विदेश नीति को कहीं ना कहीं बहुत बड़ा नुकसान होगा। चीन की कुंडली में चंद्र सप्तम भाव का स्वामी है। सप्तम भाव चीन के व्यापार, साझेदार, व्यापार नीतियों को शुद्घ करता है। ऐसे में सप्तम भाव का स्वामी चंद्र को एक माह में दो बार ग्रहण पड़ने से चीन को चारों ओर से भारी नुकसान होगा। इस समय चीन की कुंडली में सप्तम भाव लग्नेश में बैठा है। उसके ऊपर शनि और गुरु की मार पड़ रही है। वहां पर शनि स्वराशि और गुरु नीच का है। नीच ग्रह का लग्न में चंद्रमा के साथ बैठकर कहीं ना कहीं पीड़ित कर रहा है। इसी वजह से कहा जा रहा है कि चीन ने दुनिया पर राज करने के लिए जो षड़यंत्र रचा था वह उसके उल्टे नतीजे भुगतेगा। वहीं चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग की कुंडली में भी ग्रहों की स्थिति उनके विपरीत चल रही है।