कांग्रेस की सूची में नागौद से पूर्व विधायक का टिकट कटा, चित्रकूट, सतना, रैगांव में मौजूदा विधायक लड़ेंगे, अमरपाटन से पूर्व डिप्टी स्पीकर को टिकट
सतना। लंबी चले विचार मंथन और अटकलों के तमाम दौर के बाद नवरात्रि के पहले दिन कांग्रेस ने सतना की 7 में से 5 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया। लेकिन 2 सीटों पर फैसला अभी भी नही हो पाया है। कांग्रेस ने सतना के अपने तीनो मौजूदा विधायकों समेत 4 सीटों पर अपने पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है जबकि नागौद में पूर्व विधायक का टिकट काट दिया गया है। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की बहुप्रतीक्षित पहली सूची रविवार को जारी कर दी। पहली सूची में अविभाजित सतना की 7 में से 5 सीटों के उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं जबकि मैहर और रामपुर बाघेलान सीट पर फैसला अभी भी नहीं हो पाया है।
युका प्रदेश उपाध्यक्ष रश्मि को मौका
नागौद विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह की टिकट काट कर इस बार युकां की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ रश्मि सिंह पटेल को मौका दिया है। जिला पंचायत सतना की पूर्व उपाध्यक्ष रश्मि ने 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़ कर 25 हजार वोट हासिल किए थे जबकि यादवेन्द्र सिंह 1234 वोट से चुनाव हार गए थे। इस सीट पर टिकट का संघर्ष रश्मि और यादवेन्द्र के ही बीच था जिसमे रश्मि ने बाजी मार ली है।
सतना में सिद्धार्थ पर ही भरोसा
जिला मुख्यालय की सतना सीट पर भाजपा प्रत्याशी सांसद गणेश सिंह के मुकाबले के लिए कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक एवं मप्र पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा डब्बू पर ही भरोसा जताया है। डब्बू 2018 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्हें कमलनाथ का नजदीकी माना जाता है। डब्बू को सतना नगर निगम के महापौर पद का भी प्रत्याशी बनाया गया था लेकिन वे लगभग 25 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे। भाजपा की तरफ से 4 बार के सांसद गणेश सिंह को विधानसभा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अटकलें लगाई जा रहीं थी कि सवर्ण मतदाताओं की बहुलता वाली इस सीट पर कांग्रेस पिछड़े के मुकाबले पिछड़े चेहरे को लाने से परहेज कर सकती है। हालांकि इसकी संभावनाएं कमजोर ही थीं। इस सीट से कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, सुधीर सिंह तोमर, मकसूद अहमद, अजय सोनी, रविन्द्र सिंह सेठी भी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे लेकिन इन सब के बीच कांग्रेस ने एक बार फिर सिद्धार्थ पर ही भरोसा जताया है।
अमरपाटन से पूर्व मंत्री को टिकट
विभाजन के बाद अब मैहर जिले का हिस्सा बनी सतना की अमरपाटन विधानसभा सीट से इस बार भी पूर्व मंत्री एवं पूर्व डिप्टी स्पीकर डॉ राजेन्द्र कुमार सिंह के नाम पर मुहर लगाई है। यहां डॉ राजेन्द्र सिंह ही कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा हैं और टिकट पर उनका दावा सबसे मजबूत था। हालांकि कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा भी अमरपाटन सीट से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे। डॉ सिंह दिग्विजय सरकार में उद्योग व वाणिज्य मंत्री रहे चुके हैं जबकि 2013 से 2018 तक वे विधानसभा उपाध्यक्ष का दायित्व भी निभा चुके हैं।
चित्रकूट से नीलांशु ही होंगे चेहरा
चित्रकूट विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक नीलांशु चतुवेर्दी ही इस बार भी कांग्रेस का चेहरा होंगे। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर उप चुनाव में जीत हासिल कर नीलांशु पहली बार विधायक बने थे। वर्ष 2018 में भी नीलांशु ने 10 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। यह पहले से ही तय माना जा रहा था कि नीलांशु ही इस बार भी चित्रकूट सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी होंगे। हालांकि यहां से पूर्व विधायक स्व प्रेम सिंह के दामाद और जिला पंचायत सदस्य संजय सिंह भी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे।
रैगांव में कल्पना पर भरोसा
रैगांव सीट पर कांग्रेस ने मौजूदा विधायक कल्पना वर्मा को ही एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है। भाजपा का गढ़ रही रैगांव सीट पर कल्पना ने पूर्व मंत्री स्व जुगुल किशोर बागरी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में पहली बार जीत हासिल की थी। अब उन्हें इस बार दोबारा मौका दिया गया है। हालांकि रैगांव क्षेत्र के कई गांवों में कल्पना के खिलाफ भी माहौल दिखाई-सुनाई पड़ा था। रैगांव सीट से दिवंगत पूर्व मंत्री जुगुल किशोर बागरी की पुत्रवधु वंदना देवराज बागरी, प्रभा जित्तू बागरी, मनोज बागरी, गया बागरी प्रागेन्द्र बागरी के नाम भी दावेदारों के तौर पर चचाज़् में थे।
मैहर-रामपुर का मामला अटका
सतना की 7 सीटों पर नाम घोषित कर दिए गए हैं जबकि 2 सीटों मैहर और रामपुर बाघेलान पर अभी भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है। इन दोनों सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर रखे हैं। मैहर से भाजपा ने 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे श्रीकांत चतुवेर्दी को उम्मीदवार बनाया है जबकि रामपुर से मौजूदा विधायक विक्रम सिंह विक्की भाजपा प्रत्याशी हैं।
नारायण हो सकते हैं प्रत्याशी
मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी का टिकट भाजपा ने काट दिया है और नारायण ने भाजपा से इस्तीफा भी दे दिया है। ऐसे में अटकलें तेज हैं कि नारायण कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं और कांग्रेस उन्हें उन्हें एक बार फिर अपना प्रत्याशी बना सकती है। माना जा रहा है कि इन्ही कारणों से मैहर का मामला अभी अटका हुआ है। यहां से धर्मेश घई, और रामनिवास उरमलिया भी कांग्रेसी टिकट के दावेदार हैं।
इन पर नहीं चुना कोई चेहरा
उधर,रामपुर बाघेलान में भी पूर्व विधायक रामलखन पटेल, पूर्व प्रत्याशी रामशंकर पयासी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमलेन्द्र सिंह, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सुधीर सिंह तोमर, सज्जन सिंह तिवारी, रेखा सिंह पटेल, अजीत सिंह भी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। लेकिन अभी कांग्रेस इनमें से कोई चेहरा चुन नहीं पाई है।