सतना में वेतन में कटौती से नाराज एनजीओ कर्मचारी ने की आत्महत्या

Update: 2024-04-02 17:11 GMT

मुख्त्यारगंज रेलवे ट्रैक पर मिली सिर कटी लाश

घर से नौकरी पर जाने की बात कहकर निकला था एनजीओ कर्मचारी

सतना। ग्राम सुधार समिति के कर्मचारी ने ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली। एनजीओ कर्मचारी की लाश मुख्त्यारगंज रेलवे ट्रैक पर पाई गई। उसका सिर धर से अलग हो चुका था। मृतक की पहचान विमल चतुर्वेदी 50 वर्ष निर्मल चतुर्वेदी निवासी हडख़ार थाना सिंहपुर के रूप में हुई है। वह सतना में संतोषी माता मंदिर के पीछे परिवार सहित रहता था, दो दिनों से लापता था जिसका शव मंगलवार को मुख्त्यारगंज के खेरमाई मंदिर के समीप पाया गया। बताते हैं कि मृतक विमल चतुर्वेदी के वेतन में एनजीओ द्वारा लगातार कटौती की जा रही थी इसी बात से वह परेशान था। घटना के संबंध में सिटी कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में ले लिया है।

उल्लेखनीय है कि विमल चतुर्वेदी अपने परिवार के साथ सतना में संतोषी माता मंदिर के पीछे रहता था। वह ग्राम सुधार समिति के कार्यालय में काम करता था। दो दिन पहले वह अपने परिवार को यह बताकर घर से निकला था कि काम पर जा रहा है। सोमवार को जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। दफ्तर में उसकी बाइक खड़ी थी लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल रहा था। मंगलवार की सुबह कुछ महिलाओं ने रेलवे ट्रैक पर शव पड़े होने की सूचना दी तब जाकर उसकी शिनाख्त हुई।

पर्ची से पुलिस ने परिजनों को ढूंढ़ निकाला

सिर कटी लाश के संबंध में सूचना मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची जहां शव का परीक्षण करने के दौरान जेब से एक पर्ची बरामद हुई। इस पर्ची में मृतक के पिता निर्मल चतुर्वेदी और जीजा रमेश द्विवेदी का मोबाइल नंबर दर्ज था इन्हीं नम्बरों पर सम्पर्क कर मृतक के परिजनों को पुलिस ने सूचना दी जिसके बाद पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई।

लगातार हो रही थी वेतन में कटौती

बताया गया है कि विमल चतुर्वेदी एनजीओ में काम करते हुए लगातार वेतन कटौती का शिकार हो रहा था इसी बात से वह काफी परेशान रहता था। परिजनों ने पुलिस को बताया कि एनजीओ के जिम्मेदार लोगों द्वारा उसे प्रताडि़त किया जा रहा था इसी वजह से उसने आत्महत्या की है। फिलहाल सिटी कोतवाली पुलिस ने प्रकरण को लेकर एनजीओ के अधिकारियों से भी पूछताछ की है।

पिता है सेना से रिटायर्ड

विमल मूल रूप से सिंहपुर थाना क्षेत्र के हडख़ार गांव निवासी थे उनके पिता निर्मल सेना से रिटायर्ड हैं, उनकी उम्र लगभग 70 वर्ष है। जैसे ही विमल का शव उनके गृह ग्राम पहुंचा गांव में कोहराम मच गया। विमल अपने परिवार का एक मात्र कमाई करने वाला व्यक्ति था।

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