शहडोल में फिर हैवानियत, दागने से 2 माह की बच्ची की हालत गंभीर, निमोनिया से पीड़ित अबोध को गर्म सलाखों से दागा

Update: 2024-01-09 15:23 GMT

शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में झाड़-फूंक, अंधविश्वास और 'दगना' जैसे कुप्रथा के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक बार फिर एक मासूम 'दगना' कुप्रथा का शिकार हुई है। यहां दो माह के मासूम बच्ची को गर्म सलाखों से दागा गया जिससे मासूम की हालत गंभीर हो गई। मेडिकल कॉलेज में मासूम का उपचार किया जा रहा है।

निमोनिया से पीड़ित

पूरा मामला जिले के बुढार ब्लाक के लालपुर का है. यहां दो माह की एक बच्ची बीते एक महीने से निमोनिया से पीड़ित है। बच्ची को निमोनिया के चलते सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसी बीच अंधविश्वास के शिकार परिजनों ने उसे गर्म सलाखों से दगवाया जिसके बाद उसकी हालत गंभीर हो गई जिसके बाद परिजनों ने आनन-फानन में उसे मानपुर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जहां से उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया।

मेडिकल कालेज में चल रहा उपचार

बताया जा रहा है कि बच्चे की हालत ज्यादा बिगड़ने पर मेडिकल कालेज शहड़ोल में भर्ती कराया गया, जहां ऑक्सीजन सपोर्ट पर मासूम जिंदगी मौत की जंग लड़ रही है। फिलहाल मामले में ताई सहित बच्चे के दादा व मां के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

कुप्रथा से एक माह में 3 मासूमों की मौत

गौरतलब है कि जिले में मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागने के लगातार मामले में सामने आ रहे हैं। गर्म सलाखों से दागने के चलते उपचार के दौरान 3 मासूमों की मौत भी हो चुकी है। 'दगना' कुप्रथा चलते 1 माह के अंदर 3 से अधिक मासूम बच्चों जान जा चुकी है।

कलेक्टर पहुंची अस्पताल, बच्ची का गंभीरता से उपचार के दिए निर्देश

जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत लालपुर के करवाई टोला में महक कोल को निमोनिया होने पर दागे जाने की सूचना जब कलेक्टर वंदना वैद्य को मिली। कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर महक कोल की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त की तथा डॉक्टरों को निर्देश दिए कि बच्ची का स्वास्थ्य उपचार बेहतर ढंग से किया जाए किसी भी प्रकार की परेशानी नही हो यह सुनिश्चित करेंगें। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ए.के लाल सहित डॉक्टर्स उपस्थित थें।

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