16 वर्षीय किशोरी ने परिजनों को गुमराह करने फोन पर दी थी अपहरण की सूचना
ननिहाल के एक युवक से फोन पर संपर्क में थी नाबालिग
सतना।एक साथ दो नाबालिग लड़कियों के अपहरण की सूचना के बाद जिला पुलिस में हड़कंप मचा हुआ था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी यह मामला सूचना से ठीक विपरीत मिला। सोहावल के मुस्तफा कालोनी से लापता हुई दोनों नाबालिगों का किसी ने अपहरण नहीं किया था बल्कि नाबालिग ने परिजनों और पुलिस को गुमराह करने के लिए अपहरण की फर्जी सूचना फोन पर दी थी। दोनों लड़कियां सकुशल पुलिस ने बरामद कर ली हैं, जिनसे थाने लाकर अब पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि कक्षा 11वीं में पढऩे वाली नाबालिग छात्रा अपने ननिहाल के एक युवक से फोन पर संपर्क में थी, उसी से मिलने के लिए खुद जा रही थी। युवक उसे न तो लेने आया और न ही वह संपर्क में था।
जानकारी के अनुसार सोहावल जनपद कार्यालय में चपरासी का काम करने वाले एक युवक की 16 वर्षीय पुत्री अपने घर से स्कूल के लिए निकली। इसी दौरान उसके साथ सात साल की एक और नाबालिग थी। दोनों लड़कियां स्कूल नहीं गई और एक ऑटो से सतना पहुंच गईं। यहां से ट्रेन पकड़ कर प्रतापगढ़ जा पहुंचीं। इसके बाद खुद के अपहरण होने की सूचना फोन के माध्यम से परिजनों को दी। जैसे ही यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान ने सोहावल चौकी प्रभारी संदीप भारतीय को मौके के लिए रवाना किया। इस दौरान लड़की लगातार लोकेशन बदलती रही। हालांकि फोन पर परिजनों से संपर्क में बनी रही।
लगातार गुमराह करती रही नाबालिग
दोनों नाबालिग लड़कियों के लापता होने के बाद से हर पल एक नई कहानी सामने आती रही। कभी एक बुजुर्ग व्यक्ति के द्वारा अपहरण किये जाने की बात कही गई तो कभी यह बताया गया कि उसके साथ कई अन्य लड़कियां हैं, जिनमें से एक को तलवार मार दी गई है। इन सूचनाओं के बाद अनुमान था कि लड़कियां किसी गंभीर संकट में हैं, लेकिन जिस प्रकार से सामान्य होकर वह बात कर रही थी उससे अंदेशा पहले से ही था। अंत में यही बात सामने आई कि लड़की सब को गुमराह करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी।
महिला अधिकारी ने लिए बयान
नाबालिग लड़कियों का मामना होने के बाद पुलिस ने महिला अफसरों की मौजूदगी में पूछताछ की। हालांकि उनका अपहरण होने का कहीं कोई सुराग नहीं मिला। ऐसे में दोनों को एसडीएम के समक्ष पेश करने के बाद बयान दर्ज किए गए और उन्हें परिजनों की सुपुर्दगी में दे दिया गया। महिला पुलिस अधिकारी के सामने भी लड़कियों ने किसी के द्वारा अपहरण किए जाने की बात नहीं कही। पूछताछ में 11वीं की छात्रा ने स्वीकार किया है कि वह खुद दूसरी बच्ची को साथ लेकर गई थी।