जिनकी पहचान ही जंगलों तक सिमट गई थी, उनको राज्य के कई महत्वपूर्ण शहरों में रैंप पर जलवा बिखेरते देखने की बात अचरज में डालती है। जो जंगल में बसे अपने गांव में ही सकुचाई सी रहती थीं, आज फैशन एवं संस्कृति शो में उनके कदम आत्मविश्वास से लबरेज होकर आगे बढ़ते हैं। वास्तव में इस आश्चर्यजनक सत्य के पीछे योगी सरकार की मिशन शक्ति की प्रेरणा है। नारी स्वावलंबन और सम्मान के लिहाज से बदलाव की यह दास्तां है गोरखपुर के वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन की।
गोरखपुर की झुग्गियों में रहने को ही जिन वनटांगिया महिलाओं एवं युवतियों ने अपनी नियति मान लिया था, आज उनका जलवा फैशन शो के रैंप तक नजर आता है। जनवरी 2022 से अब तक गोरखपुर महोत्सव, आगरा महोत्सव, अयोध्या के सावन झूला महोत्सव, मथुरा, काशी में जी-20 समारोह, महराजगंज महोत्सव में आयोजित फैशन एवं संस्कृति शो में वनटांगिया महिलाओं ने शानदार प्रतिभागिता से यह साबित कर दिखाया है कि मौका मिलने पर वे किसी से कमतर नहीं हैं। सुगम सिंह शेखावत ने जीवटता के नए प्रतिमान स्थापित करते हुए स्वयंसिद्धा बनने तक की यात्रा में कई उतार-चढाव देखे हैं। इसके बावजूद उन्होंने कही हार नहीं मानी और न कभी पीछे मुड़कर अपने अतीत को ही देखा। आज वह गोरखपुर ही नहीं बल्कि देश की युवतियों के लिए रोल मॉडल हैं।
सुगम शेखावत के प्रयासों से आत्मविश्वास बढ़ा और एक्सपोजर भी: वनटांगिया महिलाओं एवं युवतियों को फैशन शो के रैंप तक का सफर कराया है गोरखपुर में पैदा हुईं राजस्थान मूल की सुगम सिंह शेखावत ने। सुगम की परास्नातक तक की शिक्षा गोरखपुर में ही हुई है और वह वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। उल्लेखनीय है कि दशकों तक उपेक्षा ही वनटांगियों की पहचान बनी हुई थी। 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इनके जीवन में भी विकास की दस्तक हुई। बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होकर वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं। आवास, बिजली, पानी, चूल्हा, राशन, पेंशन, सड़क, खेत की चिंताओं से ऊपर उठकर अब बड़ा सपना देख रहे हैं।
योगीजी की भी मुरीद हैं सुमन: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से कभी वंचितों में गिने जाने वाले वनटांगिया समाज की जिंदगी में आए व्यापक परिवर्तन की मुरीद सुगम सिंह शेखावत भी हैं। उनका कहना है कि फैशन व संस्कृति शो में प्रतिभाग कराकर वह वनटांगिया नारियों को आगे बढ़ाने की सीएम योगी की सोच व उनके द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति से खुद को जोड़ रही हैं। फैशन शो में रैंप पर चलने वालों में कोई बकरी चराती थीं, कोई खेती तो कोई सब्जी बेचने का काम। सुगम उन्हें प्रशिक्षित कर रैंप तक ले आई हैं। इन्होंने कभी स्टेज तक नहीं देखा था।
मिशन शक्ति की मिसाल बनीं सुगम सिंह शेखावत: 17 साल की किशोरी से 66 वर्ष की बुजुर्ग तक रैंप पर सम्मान बटोर चुकी हैं। वनटांगिया महिलाओं ने अब तक जितने भी फैशन शो किए, वे सब भारतीय संस्कृति के थीम पर रहे हैं। इसका सिलसिला शुरू हुआ गोरखपुर महोत्सव-2022 से जिसके शो स्टॉपर थे फ़िल्म अभिनेता एवं सांसद रविकिशन। फिर तो आगरा महोत्सव, अयोध्या, मथुरा में भी उनके कदम आत्मविश्वास से आगे बढ़ते गए। काशी में जी-20 के समारोह में विदेशी मेहमान भी उनके कायल हो गए। सुगम सिंह शेखावत बताती हैं कि हर आयोजन में लोगों को यह भी जानकारी दी जाती है कि वनटांगिया लोगों की पहले जिंदगी कैसी थी और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद क्या बदलाव आया।