अपने ही कृत्यों की आंच में पिघलता पाकिस्तान

Update: 2023-09-03 19:49 GMT

डॉ. सुब्रतो गुहा

दो हरे मापदंड की गाथा: भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मुजफ्फर नगर शहर के उस विद्यालय को तात्कालिक रूप से कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है, जहां एक शिक्षिका त्रिपता त्यागी ने अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से एक मुस्लिम छात्र को पढ़ाई में लापरवाही के आधार पर पिटवाया। सोशल मीडिया पर नेहा पब्लिक स्कूल की इस घटना का वीडियो आते ही भारी बवाल मच गया तथा उत्तर प्रदेश पुलिस ने शिक्षिका के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है। उदारवादी बुद्धिजीवियों तथा नेताओं ने इसे मुस्लिमों पर अत्याचार का उदाहरण निरूपित किया। उधर आरोपित शिक्षिका त्रिपता त्यागी ने बयान जारी किया, यह मेरी गलती थी कि अपाहिज होने के कारण मैं अपनी कुर्सी से उठ नहीं पाई और संबंधित छात्र को पढ़ाई में लापरवाही के कारण दंडित करने का निर्देश मैंने अन्य विद्यार्थियों को दिया। मैं अपना दोष स्वीकार करती हूं, परन्तु इसमें मेरा मुस्लिम विरोधी कोई दृष्टिकोण नहीं था।

- द इन्डीपेन्डेन्ट, लंदन, ब्रिटेन

(टिप्पणी- मुजफ्फर नगर विद्यालय की शिक्षिका त्रिपता त्यागी का कृत्य निश्चित ही निंदनीय और दंडनीय है, परन्तु पिछले सप्ताह मुजफ्फरनगर की उक्त घटना के समय ही जम्मू-कश्मीर के कठुआ शहर के सरकारी विद्यालय के छात्र नीरज कुमार ने जब कक्षा के ब्लेक बोर्ड पर जय श्रीराम लिखा, तब शिक्षक फारुक अहमद इतने आक्रोशित हो गए कि कक्षा में ही अन्य विद्यार्थियों के सामने नीरज कुमार को लात-घूंसे मारे फिर छात्र को खींचते हुए प्राचार्य मोहम्मद हफीज के कक्ष में ले गए, जहां प्राचार्य कक्ष में ही प्राचार्य एवं शिक्षक दोनों ने लात घूंसे चलाए, जिसमें छात्र नीरज कुमार अत्यधिक गंभीर अवस्था में अभी अस्पताल में भर्ती है। छात्र नीरज के पिता द्वारा पुलिस रिपोर्ट करने पर पुलिस ने शिक्षक फारुक अहमद को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि गिरफ्तारी से बचने के लिए प्राचार्य मोहम्मद हफीज फरार हो गया। अब उदारवादी, सेकुलरवादी झंडाबरदारों ने मुजफ्फरनगर की घटना को तो मुस्लिम विरोधी बताकर मुखर विरोध किया, परन्तु कठुआ के पीड़ित हिन्दू छात्र के प्रसंग में मौन व्रत धारण कर लिया। दोहरा मापदंड इसी का नाम है।)

चांद के पार चलो

पिछले बुधवार को भारत के चंद्रयान तीन के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक पहुंचने के बाद इस सप्ताह भारतीय अंतरिक्ष संस्था इसरो ने सूर्य के अध्ययन हेतु अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 भेजा। इससे पूर्व अमेरिका, चीन, जापान एवं यूरोपीय यूनियन अंतरिक्ष संस्थान ही सूर्य के अध्ययन हेतु अंतरिक्ष यान भेज चुके हैं। भारत का सूर्य अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से भेजा गया।

- साउथ चायना, मोर्निंग पोस्ट, हांगकांग

(टिप्पणी- चांद पर विजय का जश्न अभी रुका भी नहीं था कि भारतीय वैज्ञानिक सूर्य के प्रत्यक्ष दर्शन तथा सूर्य नमस्कार की दिशा में बढ़ चले हैं। पृथ्वी से सूर्य की दूरी पंद्रह करोड़ किलोमीटर है, परन्तु चूंकि सूर्य के प्रखर तेज के कारण उसके बिल्कुल निकट पहुंचना संभव ही नहीं है, इसलिए भारत का सूर्य यान एक सौ पच्चीस दिनों की यात्रा के दौरान नौ लाख बत्तीस हजार मील दूरी तक पहुंचेगी और सूर्य अध्ययन संबंधी मूल्यवान जानकारियां संकलित करेगी। फिल्म पाकिजा के गीत - 'चलो दिलदार चलो, चांद के पार चलोÓ में चांद के पार का रहस्य बस रहस्य ही बना हुआ था और अब चांद के पार जाकर सूर्यदेव को नमस्कार करते हुए भारतीय वैज्ञानिक रहस्य पर से परदा उठाने की दिशा में बढ़ चुके हैं।)

यहां जय जयकार- वहां हाहाकार

समूचे पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बिजली दरों में भारी वृद्धि के विरुद्ध जनता का प्रदर्शन जारी है। पेशावर कराची, इस्लामाबाद इत्यादि महानगरों में व्यापारियों ने अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कर तथा वकीलों ने नारे लगाकर विरोध जताया। जनता बिजली बिलों को सड़कों पर जला रही है। खेबर पख्तूनख्वा प्रांत में प्रदर्शनकारियों ने बिजली दरों में कमी की मांग करते हुए यह भी मांग की कि सेना अधिकारियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों तथा सांसदों को नि:शुल्क बिजली प्रदान करने की योजना बंद की जाए।

- द न्यूज इंटरनेशनल, इस्लामाबाद, पाकिस्तान

(टिप्पणी- जमीन-आसमान का अंतर देखिए, भारत तीन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था के साथ आज विश्व की पांचवी आर्थिक महाशक्ति है, जबकि कंगाल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष आईएमएफ से केवल तीन बिलियन डालर की भीख इस वर्ष लेते समय आईएमएफ की कठोर शर्तों को मानना पड़ा, जिसमें बिजली, पानी, गैस सिलेंडर एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं पर सब्सिडी समाप्त करते हुए अधिक कर लगाने का प्रावधान शामिल है। पाकिस्तानी वित्त मंत्री शमशाद अख्तर के एक बयान के अनुसार वार्षिक करारोपण से प्राप्त राशि में से सत्तर प्रतिशत केवल उधारी चुकाने में ही खर्च हो जाता है। पैसठ रुपए प्रति यूनिट बिजली, दस हजार रुपए प्रति गैस सिलेंडर, तीन सौ रुपए प्रति लीटर पेट्रोल एवं एक डालर के तीन सौ दस पाकिस्तान रुपए इस बोझ तले पाकिस्तानी जनता कराह रही है। वैसे सबसे बड़ा बोझ तो अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर निर्मम अत्याचार के पाप का है, अब पाप के बोझ से डूबना तो नियति है।)

(लेखक अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक हैं)

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