जनवरी में भगवान राम के आने का देश की जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है। भारत ही नहीं विश्व में जहां भी हिन्दू रहते हैं सभी में एक अलग उत्साह भगवान राम का मन्दिर में विराजने का है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट से जुड़े जिम्मेदार लोगों ने जनता से आग्रह किया है। 22 जनवरी को सभी अपने घरों में दीपक जलाकर श्री राम के आगमन का स्वागत करें। देश में दिवाली जैसा माहौल होना चाहिए।
भगवान श्रीराम के आगमन पर सभी को दीप जलाने चाहिए ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए। जिससे किसी के दिल जलने लगें। लगभग पांच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद राम के देश में, राम के लिए रहने की जगह मिलना खुशी की बात है। परन्तु ऐसा कहते हैं कि होगा वही जो राम चाहते हैं। राम आगमन के दिवस को भारत के प्रत्येक व्यक्ति को महाउत्सव के रूप में मनाना चाहिए। परन्तु ध्यान रखना चाहिए ये महाउत्सव दीपोत्सव के रूप में मनाया जाए न कि विजयोत्सव के रूप में। हमारे देश में ही कई ऐसी बड़ी शक्तियां है जो भारत में शांति नहीं चाहती। उनको बहुत बुरा लग रहा है कि इतने संघर्ष वाला राम मंदिर इतनी आसानी से कैसे बन रहा है। वो इस शांति वाले वातावरण को अशांत करने की इच्छा जरूर पाले होंगे। भारत की इन गलत शक्तियों के साथ कुछ विदेशी शक्तियों की छत्रछाया भी है। इसलिए राम आगमन को हम किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं मनाएं बल्कि दीप ऐसे जलाएं जिससे दूसरे धर्म के लोग भी इस दीपोत्सव में शामिल होने के लिए मजबूर हो जाएं। सनातन परंपरा के इतिहास में कभी किसी धर्म का बुरा नहीं चाहा हां, अपने धर्म की रक्षा के लिये अनगिनत बलिदान जरूर इस सनातन परम्परा ने किए हैं। वो आगे भी चलती रहेगी। हम प्रत्येक वर्ष भगवान श्रीराम के आने की बात सुनी हुई जानकर ही दिवाली मनाते हैं। हमारी आंखों के सामने इतने संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान होंगे ये पल जीवन भर स्मरणीय रहने वाला है। जिनकी आंखों के सामने ये सब हो रहा है निश्चित उन पर भगवान श्रीराम की असीम कृपा है। भगवान के इस शुभ आगमन पर अशुभ घटना हमारे देश में न घटे इसकी जिम्मेदारी भी हम सभी की है। इसलिए हम सभी को विजयोत्सव नहीं दीपोत्सव मनाकर भगवान श्री राम का स्वागत करना चाहिए।