कौन सा नजरिया सही है, फैसला आपका

विदेशी अखबारों के झरोखे से- डॉ. सुब्रतो गुहा

Update: 2023-11-27 19:54 GMT


निशाने पर सनातनधर्मी 

पाकिस्तानी प्रांत के थारपारकर जिले में स्थित अति प्राचीन व प्रसिद्ध हिंगलाज माता मंदिर को इस्लामी कट्टरपंथियों ने ध्वस्त कर दिया है। पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन संस्थान के अध्यक्ष किशन ने इस मंदिर के विध्वंस स्थल पर पहुंचकर मीडिया से कहा कि इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दुओं एवं उनके मंदिरों पर निरंतर हमला करने की हिम्मत दिखा रहे हैं क्योंकि उनके मन में पाकिस्तानी सरकार तथा पाकिस्तान अदालतों के बारे में किसी प्रकार का डर नहीं है। स्थानीय हिंदू समाज के लागों ने इनके विरोध में एक रेली भी निकाली। पिछले माह पाकिस्तान अल्पसंख्यक आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार समूचे पाकिस्तान में अब केवल तेरह ऐसे हिंदू मंदिर बचे हैं जिनके रख रखाव पर ध्यान दिया जाता है, जबकि शेष 365 मंदिरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है, जिससे प्राय: उन मंदिरों पर हमले होते रहते हैं। विगत 22 महीनों में यह 11वां हिंदू मंदिर था जिसे तोड़ दिया गया।

डेली सन ढाका बांग्लादेश

(टिप्पणी- विचित्र संयोग देखिए। पाकिस्तान की जिहाद प्रेमी इस्लामी मीडिया तथा भारत की जिहादी प्रेमी सेकुलर मीडिया ने पाकिस्तान स्थित हिंगलाज माता मंदिर के विध्वंस की भयावह घटना को समाचार पत्रों में छापना भी उचित नहीं समझा। दोनों की नजर में हिंदू धर्मावलंबी तथा उनके मंदिर कोई महत्व नहीं रखते एवं तिरस्कार के ही योग्य हैं। मुस्लिम बहुल इस्लामी गणतंत्र पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि भारत के ही केरल, तमिलनाडु, पश्चिम ंबंगाल में कई मुस्लिम बहुल जिले ऐसे हैं जहां हिंदू मंदिरों में आरती, मंदिरों में घंटियों की ध्वनि तथा सामूहिक पूजा व धार्मिक जुलूसों पर स्थानीय मुफ्ती और मौलाना ने प्रतिबंध लगा दिया है। फिर भी हिंदू समाज का एक बड़ा हिस्सा भारत में सेकुलरवाद, उदारवाद प्रतिवाद रुपी बीमारियों से ग्रसित होकर जिहादी खतरे की ओर शुतुरमुर्ग पक्षी जैसा आंखें बंद कर सोचता है कि अब खतरा दिख नहीं रहा इसलिए खतरा टल गया है। जागते हुए भी सोने का अभिनय करने वाले को भला कौन जगा सकता है)

क्रिया की प्रतिक्रिया

इस सप्ताह नीदरलैंड में संपन्न संसदीय चुनावों में इस्लाम विरोधी घोर दक्षिण पंथी नेता गर्ट विल्डर्स एवं उनकी पी.वी.वी. पार्टी की शानदार जीत के बाद यह लगभग निश्चित है कि गर्ट विल्डर्स ही नीदरलैंड के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। गर्ट विल्डर्स ने घोषित किया है कि उनकी सरकार जिहादी इस्लामी तत्वों का सख्ती से दमन करेगी, नीदरलैंड में बस चुके अवैध मुस्लिम शरणार्थी रूपी घुसपैठियों को वापस उनके देश भेजेगी तथा भविष्य में मुस्लिमों के नीदरलैंड में बसने पर प्रतिबंध लगा देगी। उधर गर्ट विल्डर्स के संभावित प्रधानमंत्री बनने का विरोध करते हुए प्रमुख वामपंथी संगठन अन्तीफा तथा अन्य इस्लामी संगठनों ने एम्सटरडेम उटरेक्ट इत्यादि नीदरलैंड के बड़े शहरों में गर्ट विल्डर्स को इस्लाम विरोधी सांप्रदायिक तत्व निरूपित कर विरोध रेलियों का आयोजन किया- यह कहते हुए कि चुनाव परिणाम नीदरलैंड में बसे मुस्लिमों के लिए सदमा है।

एन.एन. टाईम्स, एम्सटरडम नीदरलैंड

(टिप्पणी- विगत दस वर्षों में यूरोपीय देशों में अचानक घोर दक्षिणपंथी दलों को अपार जनसमर्थन मिला है- इटली में ब्रदर्स ऑफ इटली फ्रांस में नेशनल फ्रंट, जर्मनी में एएफडी पार्टी नीदरलैंड में पीवीवी पार्टी, पॉलैंड में यूनाइटेड राईट पार्टी स्पेन में वोक्स पार्टी, हंगरी में फिडेस पार्टी, ऑस्टे्रलिया में फ्रीडम पार्टी, डेनमार्क में पीपुल्स पार्टी इत्यादि यह सभी दल या तो भारी जनसमर्थन द्वारा सत्ताधारी उदारवादी दलों को पराजित कर स्वयं सत्ताधारी दल बन गए हैं या फिर मुख्य विपक्षी दल बनकर अगले चुनाव में सत्ताधारी दल बनने की ओर अग्रसर हैं। प्रसिद्ध उदारवादी दल हाशिए पर और लगभग अनजान दक्षिणपंथी दल केन्द्र बिंदु में इसलिए आ गए हैं क्योंकि विभिन्न उदारवादी सरकारों द्वारा लाखों की संख्या में सीरिया, इराक इत्यादि के मुस्लिमों को अपने यहां शरणार्थी के रूप में बसने से जनसंख्या असंतुलन हुआ और मूल नागरिकों को अपनी धर्म -संसकृति खतरे में दिखी और डूबते को तिनके का सहारा। दक्षिणपंथी दल अवैध मुस्लिम शरणार्थियों को बाहर करने का एजेंडा लाए- समर्थन हेतु यह एजेंडा ही काफी है।

सज्जनता का भी तिलस्कार?:

विश्व कप क्रिकेट के फाइनल मेच में ऑस्टे्रलिया के हाथों से भारत की निराशाजनक हार के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में गए और अपने खिलाड़ियों को सांत्वना देते हुए ऊंचे मनोबल के साथ भविष्य में खेलते रहने का संदेश दिया। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने इस प्रसंग में प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए पत्रकारों से कहा- प्रधानमंत्री का यह कृत्य अत्यधिक आवश्यक और प्रशंसनीय है। विश्वकप फाइनल में दुखद पराजय के बाद जब खिलाड़ियों का मनोबल गिर गया था, तब स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा हमारा हौसला बढ़ाने से हम खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा है।

-प्रोथोम आलो, ढाका, बांग्लादेश

(टिप्पणी- एक ओर कई विघ्न संतोषी नेतागण प्रधानमंत्री मोदी को भारत की पराजय का उत्तरदायी निरुपित कर मन ही मन यह सोचकर भारत की पराजय पर प्रसन्न हो रहे हैं िकचलो भारत हार गया अर्थात मोदी हार गया वहीं दूसरी ओर भारतीय टीम के खिलाड़ी प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं। कौन सा नजरिया सही है-फैसला आपका।)

(लेखक अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक हैं)

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