पिता को खोया, हार नहीं मानी: प्राग मास्टर्स पर किया कब्जा, जानें अरविंद चिदंबरम की प्रेरक कहानी...

Update: 2025-03-08 15:00 GMT

Aravindh Chithambaram is the Prague Masters 2025 : मदुरई में जन्मे अरविंद चिदंबरम ने तीन साल की उम्र में पिता को खो दिया था। उनकी मां एलआईसी एजेंट थीं और उन्होंने परिवार को संभाला। अरविंद ने शतरंज का जुनून नहीं छोड़ा और मदुरई से चेन्नई आकर अपनी प्रतिभा निखारी। 25 साल की उम्र में उन्होंने प्राग मास्टर्स खिताब जीता। डी गुकेश और आर प्रज्ञानंद की तुलना में भले ही वह देर से उभरे हों, लेकिन उनकी यात्रा बताती है कि वह आगे भी प्रगति करेंगे।

गुकेश के स्कूल से निकला एक और सितारा

अरविंद चिदंबरम की वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण आखिरकार रंग ला रहा है। विश्व चैंपियन डी गुकेश के वेल्लामल स्कूल से अब एक और अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी उभर कर सामने आया है। दिलचस्प बात यह है कि अरविंद, गुकेश के सीनियर हैं। प्राग मास्टर्स खिताब जीतने के साथ ही अरविंद को पोलैंड में होने वाले प्रतिष्ठित ग्रैंड शतरंज टूर के लिए वाइल्ड कार्ड भी मिल गया है। अरविंद ने खुशी जताते हुए कहा कि टूर्नामेंट के दौरान उन्हें कई निमंत्रण मिल रहे हैं और ग्रैंड शतरंज टूर रैपिड और ब्लिट्ज उनमें से एक है।

ग्रैंड शतरंज टूर समेत कई बड़े इवेंट्स में नजर आएंगे अरविंद

आम तौर पर विश्व रैंकिंग के शीर्ष-20 में शामिल होने पर बड़े टूर्नामेंट्स के लिए कुछ निमंत्रण मिलना तय होता है, लेकिन अरविंद चिदंबरम ने प्राग मास्टर्स जीतने से पहले ही अपने कौशल का लोहा मनवा लिया था। उन्होंने मई में होने वाले शारजाह मास्टर्स और जुलाई में बील इंटरनेशनल टूर्नामेंट में अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी थी। उनकी इस तैयारी से साफ है कि अरविंद अब लगातार शीर्ष स्तर के मुकाबलों में चुनौती पेश करने को तैयार हैं।

2015 में बने ग्रैंडमास्टर

अरविंद चिदंबरम को अब चोलामंडलम समूह का समर्थन मिल रहा है, लेकिन उनकी चमकदार यात्रा 2013 में ही शुरू हुई थी। उसी साल जब चेन्नई में विश्वनाथन आनंद ने मैग्नस कार्लसन से खिताब गंवाया, तब स्कूली छात्र अरविंद ने एक अंतरराष्ट्रीय ओपन टूर्नामेंट जीतकर पहला जीएम नॉर्म हासिल किया। 2015 में ग्रैंडमास्टर बने अरविंद तब से लगातार अपने खेल में सुधार कर रहे हैं।

इस उपलब्धि को पाने वाले पहले भारतीय बने अरविंद

अरविंद चिदंबरम ने 2019 में क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज तीनों प्रारूपों में इंडियन ओपन जीतकर यह दुर्लभ उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बने। पिछले नवंबर में उन्होंने चेन्नई ग्रैंडमास्टर्स टूर्नामेंट जीतते हुए 2700 ईएलओ रेटिंग का आंकड़ा पार किया। अब प्राग मास्टर्स में उनकी शानदार जीत ने गुकेश, अर्जुन और प्रज्ञानानंद के साथ चौथे स्तंभ के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत कर दिया है। प्राग में अरविंद ने तीन जीत और छह ड्रॉ के साथ कुल छह अंक जुटाए। मास्टर्स जीतने के बाद शुक्रवार दोपहर तक अरविंद लाइव वर्ल्ड रैंकिंग में 14वें और भारत में चौथे स्थान पर पहुंच गए थे।

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