वेबडेस्क। विश्व भर में खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ के नाम से मशहूर ओलंपिक खेलों का आयोजन हर चार साल में किया जाता है। इस साल कोरोना संकट के कारण यह महाकुंभ पहले ही एक साल के लिए टल चुका है। जिसके अगले साल 2021 में होने के अनुमान है। ओल्य्म्पिक दिवस के अवसर पर आइये जानते है कैसे हुई इन खेलों की शुरुआत और इससे जुड़े रोचक तथ्य।
ओलंपिया पर्वत पर हुआ पहला आयोजन-
ओलंपिक खेलों का आगाज 19वीं में होना माना जाता है। यह खेल पहली बार साल 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में आयोजित हुए। इन खेलों का आयोजन ओलंपिया नाम के पर्वत पर हुआ था।जिसके कारण इसका नाम ओलंपिक पड़ा। इस खेल के शुरूआती वर्षों में ग्रीस के ही राज्यों एवं शहरों के लोग इसमें भाग लेते थे। उस समय में घुड़सवारी और युद्ध कौशल जैसे खेल हुआ करते थे। उस समय खेलों के विजेताओं को मूर्तियों के जरिए प्रशंसित किया जाता था। वैसे इस महाकुंभ का इतिहास कुछ लोग इससे भी पुराना मानते है। इतिहासकारों के अनुसार ओलंपिक की वास्तविक शुरुआत 776 बीसी में हुई मानी जाती है, जबकि इसका आखिरी आयोजन 394 ईस्वी में हुआ। इसके बाद रोम के सम्राट थियोडोसिस ने इस मूर्तिपूजा वाला उत्सव करार देकर इन खेलों पर प्रतिबंध लगा दिया। नतीजन करीब पन्द्रह सौ सालों तक इन खेलों को भूला दिया गया।
ओलंपिक के शुरू होने से लेकर इसके वर्तमान स्वरूप में आने के सफर में हजारों घटनायें शामिल है-
पहलीा बार महिलाये हुई शामिल -
20 वीं सदी की शुरुआत के साथ साल 1900 में पेरिस ओलंपिक के दौरान पहली बार महिलाओं को ओलंपिक में शामिल किया गया। लॉन टेनिस और गोल्फ स्पर्धाओं में उनकी भागीदारी ने भविष्य के खेलों में महिला एथलीटों के लिए स्थान बनाया। इसके बाद आने वाले सालों में महिलाओं को अन्य कई खेलों में शामिल किया गया। महिला बॉक्सिंग आखिरी खेल है,जिसे ओलंपिक में लंदन ओलंपिक 2012 में स्थान मिला।
भारत ने पहली बार पदक जीता -
भारत ने पहली बार साल 1900 में ओलंपिक में भगा लिया था। इस साल दो सिल्वर मैडल जीते। भारत ने पहला स्वर्ण पदक 1928 के ओलंपिक के दौरान जीता था। इसके साथ ही ओलंपिक इतिहास में पहली बार भारत ने तीन मैडल थे। इससे पहले ओलंपिक में भारत ने सिल्वर और ब्रॉन्ज ही जीते थे। कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक में साल 2000 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया और वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। साल 2016 में हुए पिछले ओलंपिक खेलों में भारत को एक रजत और एक ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा था। जबकि अमेरिका 120 पदको के साथ पादकतालिका में सर्वोच्च स्थान पर रहा।
पैराओलंपिक की शुरुआत -
साल 1948 में लंदन में हुए ओलंपिक में एक अंग्रेज डॉक्टर लुडविग गुट्टमन ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान घायल हुए लोगों के पुनर्वास में मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्हीलचेयर खेलों की शुरुआत की। उन्होने प्रतियोगिता के लिए व्हीलचेयर एथलीटों को आमंत्रित किया। जिसके बाद यह आयोजन आधुनिक पैरालम्पिक खेल बन गया।
सोवियत संघ ने पहली बार भाग लिया -
सोवियत संघ ने पहले 1952 में ओलंपिक खेलों में भाग लिया, और तब से 18 अवसरों पर खेलों में भाग लिया। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में अपने नौ प्रदर्शनों में से छह में, टीम ने कुल मिलाकर कुल पदकों में प्रथम स्थान हासिल किया, यह दूसरे दो में इस गिनती से दूसरे स्थान पर था।
टेलीविजन पर प्रसारण -
साल 1960 में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों को पहली बार टेलीविजन पर प्रसारित किया गया। इस साल ओलंपिक खेलों में व्यावसायिकता की नई शुरुआत हुई।यह उत्तरी अमेरिका में टेलीकास्ट होने वाला पहला ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल था। इस साल हुए ओलंपिक सिर्फ अमेरिका और कनाडा में प्रसारित हुए। जबकि चार साल बाद 1964 में हुए ओलंपिक खेलों का प्रसारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुआ।