फर्जी मान्यता घोटाला: जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरु व EC मेंबर बर्खास्त, धारा 52 लागू
फर्जी मान्यता घोटाला: जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अविनाश तिवारी और EC मेम्बर को बर्खास्त कर दिया गया है।;
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में एक माह से ज्यादा समय से चल रहे घटनाक्रम का पटाक्षेप हो गया। मंगलवार की शाम को जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी को बर्खास्त करके धारा-52 लागू करने के आदेश राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने जारी कर दिए। कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी तथा 17 अन्य प्राध्यापक तथा सहायक प्राध्यापकों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की थी, इसके बाद से ही कुलगुुरु प्रो. तिवारी को हटाए जाने की मांग की जा रही थी। अंतत: मंगलवार की शाम को राजभवन ने इस संबंध में फैसला लेकर आदेश जारी कर दिए। धारा-52 की कालावधि के दौरान डॉ. राजकुमार आचार्य (पूर्व कुलगुरु अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा) प्राचार्य महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय करेली जिला नरसिंहपुर को कुलगुरु नियुक्त किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी को ईओडब्ल्यू ने शिवशक्ति कॉलेज झुंडपुरा को संबद्धता दिए जाने से पहले किए गए निरीक्षणों में गलत जानकारी की पुष्टि करने के मामले में जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी, गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय के कु़लगुरु प्रंो. केएस ठाकुर तथा अन्य 15 प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापकों के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। इसके बाद से ही कुलगुरु को हटाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ रहा था, चर्चा होने लगी थी कि ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी के बाद भी कुलगुरु बच जाएंगे। लेकिन सोमवार की रात से ही दोबारा से कुलगुुरु को हटाकर धारा-52 लगाए जाने की चर्चा चलने लगी थी। शाम होते-होते इसकी पुष्टि भी हो गई।
अब प्रो. ठाकुर पर भी खतरा : राजस्थान के बांसवाड़ा की गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. केएस ठाकुर पर भी खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने भी शिवशक्ति कॉलेज का निरीक्षण किया था और इसके बाद इनके खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। प्रो. तिवारी के हटाए जाने के बाद अब प्रो. ठाकुर को हटाए जाने का खतरा पैदा हो पाएगा।
नए कुलगुरु बोले अव्यवस्थाएं दुरुस्त करेंगे : जीवाजी विश्वविद्यालय में धारा-52 लगाए जाने के बाद डॉ. राजकुमार आचार्य को कार्यवाहक कुलगुरु बनाया गया है। डॉ. आचार्य अगले सप्ताह तक जीवाजी विश्वविद्यालय में प्रभार ले सकते हैं। डॉ. आचार्य ने स्वदेश से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी प्राथमिकता परीक्षा और परीक्षा परिणाम समय पर देना है। वर्तमान में जो अव्यवस्थाएं जीवाजी विवि में चल रही हैं, जिनकी वजह से धारा 52 लगी है उन अव्यवस्थाओं को दूर करना। छात्रों के हित में काम करना तथा नए कोर्स शुरू कर, संस्थान को वित्तीय मजबूरी देना।
नए कुलगुरु की नियुक्ति
इस कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय में नए कुलगुरु की नियुक्ति कर दी गई है। डॉ. राजकुमार आचार्य को नया कुलगुरु बनाया गया है। उन्हें जल्द ही पदभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
बड़ी साजिश का खुलासा
जांच में सामने आया कि झुंडपुरा के निजी कॉलेज को अवैध रूप से मान्यता दी गई थी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्कॉलरशिप सहित अन्य सरकारी लाभ दिलाए गए थे। इस मामले में धारा 420, 409, 467, 468, 120B और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। इस बड़े घोटाले के उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। मामले की आगे की जांच जारी है और जल्द ही अन्य जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई हो सकती है।