मोहन सरकार ने 9 साल बाद खोला पदोन्नति का रास्ता: जल्द कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव, मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को दी बधाई…

विशेष संवाददाता, भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार प्रदेश में पिछले 9 साल से बंद अधिकारी एवं कर्मचारियों की पदोन्नति का रास्ता खोलने जा रही है मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम को मंत्रालय में मंत्री एवं अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने के करीब पहुंच गई है। जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि 'प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर राज्य शासन द्वारा शीघ्र ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा रहा है। अपने सेवा काल में कई वर्ष से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे अनेक अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो गए।
गत 9 वर्ष से पदोन्नति की रुकावट चली आ रही थी, जो अब समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि पदोन्नति से संबंध में मुख्यमंत्री स्तर से 12 से अधिक बैठकों में विचार विमर्श किया गया। मंत्रियों से भी चर्चा की गई और पदोन्नति का रास्ता राज्य शासन द्वारा तलाशा गया है। राज्य शासन ने अनुभव किया की पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
शीघ्र ही कैबिनेट बैठक में इस संबंध में निर्णय होगा और यह सुखद समाचार सभी अधिकारियों कर्मचारियों को शीघ्र प्राप्त होगा। उल्लेखनीय है कि मप्र उच्च न्यायालय द्वारा 'पदोन्नति में आरक्षण नियम 2002' निरस्त करने के बाद से अप्रैल 2016 से मप्र में पदोन्नतियां बंद हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही अधिकारी एवं कर्मचारियों ने बधाई देना शुरू कर दिया है। उधर, मंत्रालय के कर्मचारी नेता सुभाष वर्मा एवं शैलेन्द्र पांडेय के नेतृत्व में पदोन्नति का रास्ता निकालने के लिए मुख्यमंत्री का आभार माना।
उल्लेखनीय है कि 'स्वदेश' ने पिछले महीने 3 मार्च के अंक में पदोन्नति को लेकर समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें उल्लेख किया था कि पदोन्नति पर किसी भी न्यायायल ने रोक नहीं लगाई है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी पदोन्नति से जुड़े हर मामले को न्यायालय में घसीटते हैं। मुख्यमंत्री ने पदोन्नति का रास्ता निकालने के लिए व्यक्तिगत रुचि ली है। जिसमें विधि विभाग द्वारा निकाले गए पदोन्नति के रास्ते को भी आधार बनाया गया।
पिछले महीने विधि विभाग ने दी थीं पदोन्नति
पदोन्नति को लेकर उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण लंबित हैं। इस बीच विधि विभाग ने पिछले महीने विभाग के 129 कर्मचारी एवं अधिकारियों की पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए थे। पदोन्नति के लिए मप्र उच्च न्यायालय द्वारा पिछले साल 17 सितंबर को दिए गए आदेश को आधार बनाया है।
जबकि सभी पदोन्नतियां सर्वोच्च न्यायालय में लंबित एसएलपी 13954/2016 के अंतिम निर्णय के अधीन होंगी। विधि विभाग के इस आदेश के बाद सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों ने शासन से पदोन्नति की मांग की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पदोन्नति का रास्ता निकलवाने में विशेष रुचि दिखाई है।