हिस्ट्रीशीटर की पुलिस हिरासत में मौत: परिजनों का आरोप - चिकित्सकों के कहने पर भी नहीं कराया गया इलाज…

Update: 2025-04-09 15:56 GMT
परिजनों का आरोप - चिकित्सकों के कहने पर भी नहीं कराया गया इलाज…
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भोपाल। एक हिस्ट्रीशीटर की हनुमानगंज पुलिस अभिरक्षा में बुधवार शाम मौत हो गई। उसे बाइक चोरी के मामले में पकड़ा था। पुलिस का दावा है कि आरोपियों के कब्जे से लगभग पांच लाख रुपए कीमत की नौ बाइक बरामद हुई थी।

पुलिस ने उसके साथ दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। जिसमें से एक युवक की सीहोर जिले में गुमशुदगी भी दर्ज की गई थी। इस मामले में पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। एमपी नगर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज द‍िया है। पोस्टमार्टम गुरुवार सुबह हमीदिया अस्पताल में किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी हनुमानगंज निरीक्षक अवधेश सिंह भदौरिया की अगुवाई में मंगलवार को समानांतर रोड पर वाहन चेकिंग के दौरान तीन युवकों को प्लेटिना मोटर सायकिल पर पकड़ा था। इनमें पुलतीघर फकरुद्दीन मस्जिद के पास थाना टीला जमालपुरा निवासी 32 वर्षीय युवराज केवट पिता रमेश केवट, खारी सेवनघाटा थाना बिलकिसगंज झागरिया जिला सीहोर निवासी 22 वर्षीय महेश बघेल पिता राम सिंह बघेल और 23 वर्षीय राजू मंडलोई पिता सूर सिंह मंडलोई शामिल थे। महेश बघेल और राजू मंडलोई पर चोरी की बाइक खरीदने का आरोप है।

पुलिस द्वारा युवराज को जिला अदालत में शाम चार बजे ले जाने से पहले जेपी अस्पताल लाया गया। परिजनों का आरोप है कि उसका लीवर खराब था। इसके अलावा उसे क्षय रोग भी था। अस्पताल में चिकित्सकों ने भी पुलिस को सलाह दी थी कि इसकी तबीयत खराब है, इसका इलाज जुरूरी है। इसके बाद भी पुलिस नहीं मानी और उसे न्यायालय में पेश करने के बाद जेल में इलाज कराने का बोलकर अपने साथ ले गई थी।

ये मामले दर्ज हैं

वहीं पुलिस का कहना है कि वह टीला जमालपुरा थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। उसके खिलाफ हनुमानगंज थाने में 2022 और 2025 में वाहन चोरी के मामले दर्ज हैं। इसके अलावा टीटी नगर में 2024 में वाहन चोरी भी उससे बरामद हुई है। उससे गौतम नगर, ऐशबाग, छोला मंदिर, कोतवाली और रातीबड़ की वाहन चोरी कबूली है। युवराज के कब्जे से एक बिना नंबर का भी वाहन बरामद हुआ है। मौत होने की खबर के बाद भारी पुलिस बल जेपी अस्पताल में पहुंच गया था। पुलिस ने बताया कि युवराज केवट के खिलाफ हनुमानगंज और टीला जमालपुरा थाने में आर्म्स एक्ट, मारपीट समेत करीब तेरह प्रकरण पहले से दर्ज हैं।

मौत के बाद गुमशुदगी का मामला भी जांच में आएगा

युवराज की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसमें राजधानी पुलिस के अफसर बैकफुट में आ गए हैं। उसको आदतन बदमाश साबित करते हुए पुलिस लापरवाही को टालने का प्रयास कर रही है। यह लापरवाही केवल युवराज तक सीमित नहीं थी। इसी प्रकरण में वाहन खरीदने का आरोपी बनाए गए महेश बघेल के मामले में भी पुलिस बुरी तरफ से फंस गई है। दरअसल, महेश बघेल की रातीबड़ स्थित मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है। वह सामान लेने जाने का बोलकर निकला था। उसका घर सीहोर जिले के बिलकिसगंज में हैं। यहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। लेकिन, इसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी थी। नतीजतन उन्होंने सीहोर जिले के बिलकिसगंज थाने में पिता ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। परिवार को 9 अप्रैल को पता चला कि उसको हनुमानगंज थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा है। जबकि नियम है कि गिरफ्तारी की सूचना परिजनों को देना अनिवार्य है। यानी पुलिस की टीम गुपचुप तरीके से तीनों आरोपियों को अभिरक्षा में रखने के बाद पूछताछ कर रही थी।

यह है आएंगे जांच के दायरे में

हिरासत में मौत की न्यायिक जांच करने के नियमानुसार आदेश होते ही है। हालांकि इस संबंध में भोपाल पुलिस की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन, सूत्रों ने बताया है कि पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में मैदानी अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई है। इस धरपकड़ और गिरफ्तारी के मामले में हनुमानगंज थाने के निरीक्षक के अलावा एसआई ओम प्रकाश यादव, एएसआई मुश्ताक बक्श, हवलदार मनीष मिश्रा, गोविन्दराम, आरक्षक जितेन्द्र सिंह, आकाश श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार, अजय तिवारी, युवराज सिंह शामिल थे। मौत के बाद ये सभी जांच के दायरे में आ सकते हैं। 

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