उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर धामी सरकार का दमदार एक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि - किसी भी मदरसे में कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है या कहीं भी कोई अनैतिक कार्य हो रहा हो तो कानूनी कार्रवाई शीघ्रता से की जाए
देहरादून। नैनीताल के ज्योलिकोट के पास वीरभट्टी में एक अवैध मदरसे में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार की बात सामने आई है। मदरसे में मौलवी बचहोन के साथ दुर्व्यवहार और शोषण कर रहा था । घटना के सामने आते ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लेते हुए राज्य के सभी मदरसों के सत्यापन के आदेश दिए हैं । मुख्यमंत्री धामी ने बच्चों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के विषय की गंभीरता को समझते हुए राज्य के प्रशासन और गृह विभाग को निर्देशित दिया है कि तत्काल प्रभाव के साथ प्रदेश के समस्त जिलों में संचालित सभी मदरसों का सत्यापन कराया जाए। किसी भी मदरसे में कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है या कहीं भी कोई अनैतिक कार्य हो रहा हो तो कानूनी कार्रवाई शीघ्रता से की जाए। सीएम धामी ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को आदेश दिया है कि राज्य के सभी मदरसों के सत्यापन की निगरानी वो खुद करें और किसी भी तरह के अनैतिक कार्य सामने आने पर फौरन कार्रवाई करे। मदरसों के सत्यापन कार्य की शुरुआत नैनीताल के वीरभट्टी क्षेत्र के मदरसों से होगी ।
दरअसल नैनीताल में ज्योलिकोट के पास वीरभटटी में चल रहे एक मदरसे में बच्चों ने अपने साथ अमानवीय व्यवहार और शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। सरकार हरकत में तब आयी जब एक मामले को लेकर मदरसे में पढ़ने वाले एक बच्चे के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कारवाई । शिकायत के बिना पर नैनीताल पुलिस ने मदरसे में दबिश दी । मदरसे में निरीक्षण दौरान इस का भी पता चला कि मदरसे में बच्चों को ना ही साफ सुधरा खाना परोसा जा रहा है, न ही उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। यही नहीं जांच में ये बात भी सामने आई कि पिछले 15 सालों से ये मदरसा बिना पंजीकरण के चलाया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान मदरसे में 24 बच्चे गंभीर हालत में मिले थे।जिसके बाद प्रशासन ने इसकी सूचना बच्चों के परिजनों को दी । पुलिस के मुताबिक इस मदरसे में बच्चों के साथ अश्लील हरकतें की जाती थी, बच्चों को अश्लील फिल्म दिखाई जाती थी और उन्हें गंदगी भरे कमरों में रखा जाता था। यही नहीं बच्चों को दूषित पानी और भोजन दिया जाता था। बच्चों के बीमार होने पर उनका इलाज भी नहीं कराया जाता था.निरीक्षण के दौरान मदरसे में कई बच्चे गंभीर बीमारी की हालत में मिले। साथ ही बच्चों के साथ मदरसे में अमानवीय व्यवहार हो रहा है और उनका शोषण किया जा रहा है । जिसके बाद प्रशासन ने बच्चों के अभिभावकों को इस बात की जानकारी दी। परिजनों का कहना है कि उन्हें अपने बच्चों से मिलने भी नहीं दिया जाता था। मामला संज्ञान में आते ही सीएम धामी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और पूरे प्रदेश में संचालित हो रहे मदरसों का सत्यापन कराए जाने के निर्देश दिए।
सभी तथ्यों के समने आने के बाद पुलिस ने मदरसे के मौलवी मोहम्मद हारून और उनके बेटे इब्राहीम के खिलाफ मामला दर्ज कर लियाहै। दोनों पर यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण यानि पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है । उन दोनों पर किशोर न्याय अधिनियम के साथ ही भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया गया है । पुलिस के मुताबिक फिलहाल इस मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है कि और कितने बच्चे मौलवी और उसके बेटे के अमानवीय कृती के शिकार बने हैं ।
आपको बता दें कि जब से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता संभाली है अवैध मदरसों पर उनकी कारवाई लगातार जारी है साथ धामी सरकार सभी मदरसों के सरकारी नियमों के अंतर्गत लाने के लिए भी प्रयासरत है । अभी पिछले साल ही धामी सरकार ने राज्य के सभी मदरसों का सर्वे करवाया था और परिवेत मदरसों पर एक्शन भी लिया था ।
गौरतलब है कि देशभर में हजारों मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं। इस मामले पर केंद्र सरकार ने भी सख्ती दिखाई है। बावजूद इसके आए दिन मदरसों की संख्या बढ़ती ही जा रही है । इससे पहले भी मदरसों में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार की शिकायतें सामने आ चुकी हैं । अब सीएम धामी ने इसके खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
मामल सामने आने के बाद उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने मदरसा बोर्ड द्वारा चंदे से अर्जित संपत्ति की जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने सीएम धामी से मदरसों को वक्फ बोर्ड के अधीन लाने की गुजारिश की है।