मणिपुर में हिंसा के बीच अमित शाह का 3 दिन का दौरा शुरू, शांति बहाल करने के लिए उठाएंगे ये..अहम कदम

मणिपुर में 4 दिनों में 40 उग्रवादी ढेर

Update: 2023-05-29 14:36 GMT

नईदिल्ली/वेबडेस्क।  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार (29 मई) को हिंसा प्रभावित मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे। इस दौरान वह स्थिति का आकलन करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की योजना बनाने के लिए कई दौर की सुरक्षा बैठकें करेंगे। तीन मई को जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद अमित शाह का पूर्वोत्तर के इस राज्य का यह पहला दौरा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज रात करीब नौ बजे बीएसएफ के एक विमान से इंफाल के बीर टिकेंद्रजीत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेंगे। वह राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का आकलन करेंगे और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आवश्यक कदमों की योजना बनाएंगे। पता चला है कि केंद्रीय गृह मंत्री अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान समय-समय पर सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। 

दौरे से पहले फिर भड़की हिंसा - 

इसके अलावा अमित शाह राज्य में नागरिक समाज, मैतेई और कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकें भी करेंगे। शाह का मणिपुर दौरा राज्य की हिंसा से निपटने के लिहाज से अहम माना जा रहा है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री के आगमन से पूर्व राज्य में एक बार फिर से हिंसा का दौर तेज हो गया है। रविवार (28 मई) को ही एक बार फिर से भड़की हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत हो गयी। इसके अलावा अन्य 12 लोग जख्मी हुए हैं। 

40 सशस्त्र कुकी उग्रवादियों को मार गिराया 

उधर, सेना और पुलिस की कार्रवाई में गत 4 दिनों में 40 उग्रवादी ढेर किये गये हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को ही बताया था कि मणिपुर में 40 सशस्त्र कुकी उग्रवादियों को मार गिराया गया है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार कुकी उग्रवादी हथियारों से लैस हैं और वे हिंसक गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि राज्य के विधायकों और मंत्रियों तक को उपद्रवी नहीं छोड़ रहे हैं। उनके घरों पर हमला कर रहे हैं।

ये है हिंसा का कारण - 

उल्लेखनीय है कि मणिपुर हाई कोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने के लिए मणिपुर सरकार को एक निर्देश जारी किया था। इसके विरोध में मणिपुर के कुछ आदिवासी संगठनों ने 3 मई को 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन, मणिपुर' की पहल पर 'एकजुटता मार्च' निकाला। तब से मणिपुर जातीय संघर्ष की आग में झुलस रहा है। खासकर राज्य के पहाड़ी जिले हिंसा की आग में जल रहे हैं। इस दौरान सेना और अन्य सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़पों में दो पुलिस कमांडो सहित 75 से अधिक लोगों की जान चली गई है।

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