दिल्ली वायु प्रदूषण: दिल्ली पुलिस कमिश्नर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, गंभीरता से नहीं लिया पटाखों पर लगा बैन
Supreme Court Hearing on Air Pollution: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पटाखों पर प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया उसका मानना है कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता है जो प्रदूषण को बढ़ावा देती हो या लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता करती हो।
दिल्ली पुलिस आयुक्त हलफनामा करें दायर
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों को रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सभी एनसीआर राज्यों को निर्देश दिया कि वे उसके सामने आएं और प्रदूषण को न्यूनतम रखने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में सूचित करें।
कोई भी लाइसेंस धारक पटाखे न बेचे या न बनाए
दिवाली के दौरान दिल्ली में पटाखों के व्यापक उपयोग पर कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने यह स्पष्टीकरण देने में असमर्थता जताई है कि प्रतिबंध का क्रियान्वयन दिल्ली पुलिस द्वारा किया जाना था। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा कि आदेश 14 अक्टूबर को ही पारित किया गया था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि पुलिस द्वारा इसके क्रियान्वयन को गंभीरता से नहीं लिया गया। कोर्ट ने तर्क दिया कि प्रतिबंध लगाने वाले आदेश की जानकारी पटाखों के विक्रेता और निर्माण करने वाले लोगों को नहीं दी गई।
कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि वे सभी संबंधित पक्षों को प्रतिबंध के बारे में तुरंत सूचित करें - जो 1 जनवरी, 2025 तक लागू है। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त (Delhi Police Commissioner) को निर्देश दिया कि वह पटाखों पर प्रतिबंध के शीर्ष अदालत के आदेश के बारे में सभी संबंधित लोगों को सूचित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी लाइसेंस धारक पटाखे न बेचे या न बनाए। इसके अलावा, कोर्ट ने सीपी को पटाखों पर प्रतिबंध के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्देश दिया।