बांग्‍लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमला पार्ट - 4: धर्म देखकर निशाना बना रहे कट्टरपंथी, पढ़िए बर्बरता की अनकही कहानी

Update: 2024-12-02 10:44 GMT

धर्म देखकर निशाना बना रहे कट्टरपंथी, पढ़िए बर्बता की अनकही कहानी

Attack on Hindu Temples in Bangladesh Part 4 : भोपाल। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ देने के पहले ही बांग्लादेश में हिन्दुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया गया था। किसी को जिंदा जला दिया गया तो किसी के घर लूट लिए गए। कई बार मंदिरों की जमीन को हथियाने के लिए भी कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं पर जानलेवा हमला किये। ऐसे तो हमले की कई कहानी होंगी जो उजागर ही नहीं हो पाईं है। स्वदेश आपको साल 2024 में हुई कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बताने जा रहा है जिसे पढ़कर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि, आखिर कैसे किसी एक धर्म या समुदाय विशेष से इतनी नफरत की जा सकती है।

मंदिर की जमीन के लिए साधु - संतों पर हमला :

यह खबर 13 मई 2024 को सामने आई थी। बांग्लादेश के सिलहट में कट्टरपंथियों ने सिलहट इस्कॉन के कृष्णपुर मंदिर की जमीन हड़पने की कोशिश की थी। जब एक साधु ने विरोध करने की कोशिश की तो कट्टरपंथियों ने उन्हें घसीट कर पीटा।

ईशनिंदा के आरोप में बेरहमी से मारपीट :

बांगालाद का बंगबंधू शेख मुजीबुर रहमान विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्विविद्यालय में पढ़ रहे छात्र पर ईशनिंदा का आरोप लगा। 26 मई को खबर सामने आई कि, हिन्दू छात्र उत्सब कुमार के साथ जमकर मारपीट की गई।

इंदिरा गांधी कल्चर सेंटर तबाह :

जब दंगाइयों का मन लोगों पर हमला करके नहीं भरा तो दंगाइयों ने सांस्कृतिक महत्त्व के स्थानों पर हमला शुरू कर दिया। शेख हसीना के देश छोड़ देने के बाद भीड़ का सहारा लेकर कट्टरपंथियों ने इंदिरा गांधी कल्चर सेंटर पर हमला किया। इस हमले के चलते यह पूरा सेंटर तबाह हो गया। 2010 में इस कल्चर सेंटर का उद्घाटन किया गया था और यहां 21 हजार से अधिक किताबें थीं।

5 अगस्त को जमकर हुई थी हिंसा :

शेख हसीना ने 5 अगस्त को देश छोड़ा था। उस दिन कट्टरपंथियों ने प्रधानमंत्री आवास में तोड़फोड़ तो की ही साथ ही साथ हिन्दुओं को भी निशाना बनाया। बोरहाट में हिन्दू शिक्षक मृणाल कांति चट्टोपाध्याय की हत्या कर दी गई। भीड़ ने शिक्षक की पत्नी और बेटी को भी नहीं बक्शा।

कट्टरपंथियों की भीड़ ने नरसिंगड़ी काली माता मंदिर पर किया हमला :

हसीना सरकार के विरोध में शुरू प्रदर्शन में इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने नरसिंगड़ी में काली माता मंदिर पर हमला किया और कांडीपारा जिले के वरात में काली मंदिर पर हमला किया। कट्टरपंथियों ने मंदिर में रखी मूर्तियों को तोड़ दिया। मंदिर में रखे कुछ मूर्तियों को बाहर फेंक दिया।

दंगाइयों ने हिन्दू सिंगर राहुल आनंद के घर में आग लगा दी :

बांग्लादेश हिंसा में दंगाइयों ने सिंगर राहुल आनंद के 140 साल पुराने घर में घुसकर पहले सब कुछ तबाह कर दिया और फिर घर में आग लगा दी। आगजनी में सिंगर राहुल आनंद के 3000 म्यूजिकल इंट्रूमेंट्स भी जलकर राख हो गए। भीड़ को देखकर सिंगर ने तुरंत अपने परिवार के साथ जान बचाते हुए घर छोड़ा और फिर एक गुप्त स्थान पर शरण ली।

4 अगस्त, 2024 :

मेहरपुर में मुस्लिम भीड़ ने प्रदर्शन की आड़ में इस्कॉन मंदिर में हमला किया। हमले में भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी की मूर्तियां खंडित हो गयीं। मंदिर प्रशासन ने किसी तरह से 3 भक्तों को सुरक्षित मुस्लिम भीड़ की चंगुल से बचाने में सफल रहा।

रंगपुर के दो हिंदू पार्षदों हराधन रॉय और काजल रॉय की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरक्षण नीति के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन की आड़ में हिंदुओं को निशाना बनाया गया। 4 अगस्त को ही रंगपुर के दो हिंदू पार्षदों हराधन रॉय और काजल रॉय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ये दोनों पार्षद सत्ताधारी आवामी लीग पार्टी के थे।

19 सितंबर 2024 चटगांव :

बौद्ध चकमा और हिंदू त्रिपुरी समुदायों पर हमला किया गया। दिधिनाला और खगराछारी सदर में मुस्लिम भीड़ ने बौद्ध चकमा और हिंदू त्रिपुरी समुदायों पर हमला किया था। आरोपियों ने अल्पसंख्यक समूहों की 200 से ज़्यादा दुकानों और घरों में आग लगा दी थी। मुस्लिम भीड़ ने एक बौद्ध मंदिर पर भी हमला किया और आगजनी की। हमले में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 3 बताई गई। मृतकों की पहचान 20 वर्षीय जुनान चकमा, 60 वर्षीय धनंजय चकमा और 30 वर्षीय रुबेल त्रिपुरा के रूप में हुई है।

6 सितंबर, 2024 चटगांव :

गणेश मूर्ति ले जा रहे हिंदू भक्तों पर हमला किया गया। कदम मुबारक इलाके में 6 सितंबर 2024 को भगवान गणेश की मूर्ति ले जा रहे हिंदू भक्तों के जुलूस पर हमला किया गया। जब 'बतरगली धवपरा सर्वजनिन पूजा समिति के सदस्य एक वैन में हिंदू देवता की मूर्ति ला रहे थे, उसी समय मोमिन रोड पर कदम मुबारक मस्जिद के करीब एक ऊंची इमारत के ऊपर से भगवान गणेश की मूर्ति और हिंदू श्रद्धालुओं पर गर्म पानी फेंका गया।

अक्टूबर में ये 4 बड़ी घटनाएं आई सामने :

10 अक्टूबर -

जेशोरेश्वरी मंदिर से मां काली का मुकुट चोरी हो गया। बांग्लादेश के सतखीरा में जेशोरेश्वरी काली मंदिर को भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा भेंट किया गया मां काली का पवित्र मुकुट दंगाइयों द्वारा दिनदहाड़े चोरी कर लिया गया। 52 पीठों में से ईश्वरीपुर मंदिर वह स्थान है जहां देवी सती के हथेलियां और पैरों के तलवे गिरे थे और देवी वहां देवी जशोरेश्वरी के रूप में निवास करती हैं

11 अक्टूबर -

दंगाइयों ने दुर्गा पूजा मंडप पर फेंके पेट्रोल बम फेंक दिया। तांती बाजार इलाके में दुर्गा पूजा मंडप पर पेट्रोल बम फेंकने का मामला सामने आया। घटनास्थल पर मौजूद हिंदू भक्तों ने हमलावर मोहम्मद हृदोय और मोहम्मद जिबोन को रोकने की कोशिश की तो आरोपियों ने भक्तों पर चाकू से हमला कर दिया। चाकू से किए गए हमले में कुल 5 लोग घायल हो गए।

25 अक्टूबर -

झंडा का अपमान बोलकर जबरन गिरफ्तारी की गई। बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज पर भगवा झंडा फहराने के आरोप में इस्कॉन के दो सदस्यों समेत 19 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। पीड़ितों में इस्कॉन के संभागीय संगठन सचिव चंदन कुमार धर और हिंदू जागरण मंच के समन्वयक अजय दत्ता शामिल हैं। बांग्लादेश पुलिस ने आरोप लगाया कि लालदिघी मैदान में एक रैली के दौरान इस्कॉन के सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ, जिसके आरोप में उन्होंने राजेश चौधरी और हृदय दास नामक दो लोगों को हिरासत में लिया।

29 अक्टूबर -

पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगाकर छात्र को मारा। बोलमारी में कादिरदी डिग्री कॉलेज में 28 अक्टूबर 2024 को मुस्लिम भीड़ ने हिंदू समुदाय के ग्यारहवीं कक्षा के छात्र हृदय पाल पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगाकर मारपीट की। घटना की वीडियो में मुस्लिम भीड़, पीड़ित छात्र को थप्पड़ मारते और दूसरों को उस पर हमला करते हुए दिखाई दे रही है। वीडियो में एक सेना अधिकारी को हिंदू लड़के को डंडे से पीटते हुए देखा गया।

नवंबर में हुई हिंसा की प्रमुख घटनाएं :

5 नवंबर चटगांव -

अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर लाठीचार्ज किया गया। चटगांव शहर में 5 नवंबर 2024 को स्थानीय हिंदुओं ने उस्मान मोल्ला नामक एक व्यापारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसने इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) और सनातन धर्म के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस और सेना के अधिकारियों ने हिंदू समुदाय के लोगों पर लाठीचार्ज किया जिसमें लगभग 5 हिंदू गंभीर रूप से घायल हो गए।

8 नवंबर चटगांव -

इस्कॉन भक्तों का कत्ल करने की धमकी मिली। कट्टर इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने नमाज के बाद इस्कॉन के विरोध में रैली निकाली और उसमें इस्कॉन भक्तों को पकड़ने और उनका कत्ल करने के नारे लगाए गए।

हजारी गली इलाके में करीब 25,000 लोग रहते हैं, इनमें 90% हिंदू समुदाय के हैं। दरअसल, मुस्लिम व्यापारी उस्मान अली ने फेसबुक पर इस्कॉन को आतंकी संगठन कहा था, जिसके बाद हिन्दू समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन के बाद यह विवाद शुरू हुआ।

16 नवंबर, करीमगंज

किशोरगंज में 21 वर्षीय हिंदू व्यक्ति हृदोय रबी दास को मुस्लिम लड़की से प्यार करने के आरोप में मुस्लिम भीड़ और सेना के अधिकारियों ने बेरहमी से मार डाला। लड़की के रिश्तेदार, मुस्लिम भीड़ के साथ 15 नवंबर 2024 को हृदोय को पकड़कर सेना के एक शिविर में ले गए, जहाँ हृदोय को बुरी तरह पीटा गया। 16 नवंबर 2024 को अस्पताल में गंभीर चोट के कारण उसकी मौत हो गई।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने की जो घटनाएं हमने आपको बताईं ये तो बस एक फिल्म के छोटे से ट्रेलर की तरह है। असल में बांग्लादेश की जमीन को हिन्दुओं के खून से लाल किए जाने की साजिश की जा रही है। अगर समय रहते ऐसी साजिशों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई गई तो बांग्लादेश में अल्पसंख्यक चुन - चुन कर ख़त्म कर दिए जाएंगे।

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