मेरी सरकार चुनाव नहीं जन कल्याण केंद्रित है: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से स्वदेश के समूह संपादक अतुल तारे की विशेष बातचीत…

Update: 2024-12-14 07:58 GMT
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से स्वदेश के समूह संपादक अतुल तारे की विशेष बातचीत…
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भोपाल: डॉक्टर मोहन यादव अपनी सरकार की पहली वर्षगाँठ पर स्वाभाविक रूप से बेहद प्रसन्न भी थे और आत्म विश्वास से लबरेज भी। बाहर रात सर्द हो चली थी। श्यामला हिल्स मुख्यमंत्री निवास के “समत्व” में गहमागहमी का वातावरण था। एक तरफ़ लगातार बधाई संदेश के मोबाइल और दूसरी तरफ़ साक्षात्कार की श्रृंखला।

जन संपर्क आयुक्त सुदाम खाड़े ने आग्रह किया कि समय कम है। घड़ी रात के 11 बजा रही थी। बातचीत का सिलसिला शुरू इसी आग्रह पर हुआ कि सीमित ही बातचीत संभव है। पर जब डॉक्टर यादव ने बातचीत शुरू की तो पूरी तसल्ली से की और साफ़गोई से जवाब दिए।

पार्श्व में लिखा था “राम काजु कीन्हे बिनु मोही कहाँ विश्राम “

प्रश्न। एक साल के कार्यकाल में। आपने जो सोचा होगा? एक साल पहले शपथ ग्रहण के दौरान 2023 में और आज जब 13 दिसंबर 2024 में बात कर रहे है। आप स्वयं अपने आप को कितना संतुष्ट मानते है कि मैं यहां से चला था और यहां पहुँचा।

उत्तर : देखिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सरकार का एक वर्ष पूर्ण हो चुका है। इस एक वर्ष में हमने प्रदेश के चहुँमुखी विकास के साथ जनता के हित में जो कार्य किया है, उससे मध्यप्रदेश ने पूरे देश में एक विकसित राज्य के रूप में पहचान बनाई है। इसके लिए प्रदेश की 8.5 करोड़ जनता का आभारी हूँ। जहां तक संतुष्टि का सवाल है तो संतुष्ट मान लेने से विकास रुक जाएगा, प्रगति ठहर जाएगी।

संतुष्ट तो होना ही नहीं चाहिए। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुरूप विकसित भारत के साथ विकसित मध्यप्रदेश का निर्माण कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश की उन्नति और प्रगति के साथ जनता को खुशहाल बनाने के लिए हमारी सरकार का जो संकल्प-पत्र था, उसपर चरणबद्ध तरीके से तेजी से कार्य हो रहा है। प्रदेश के विकास और जनता के हित में तय किए गए। 456 संकल्पों में एक साल के अंदर 45 संकल्प पूरे किए जा चुके हैं और 268 संकल्पों पर तेजी से कार्य चल रहा है। आगे आने वाले 4 वर्ष में हम एक-एक संकल्प पूरा करेंगे।

मूल्‍यांकन तो समय करता है। अगर हम दो टाइगर अभिरायण्य एक साथ ला रहे हैं, दो विश्व की सबसे बड़ी नदी परियोजना को लेकर आ रहे हैं। अगले साल हम परिवहन क्षेत्र में वापस सरकारी व्यवस्था को खड़ा कर रहे हैं, सरकार की भूमिका बड़ी बना रहे हैं, अगर 50 मेडिकल कॉलेज की तरफ बढ़ रहे हैं तो यह हमारे अगले साल के लक्ष्य हैं। पिछले साल के वित्तीय प्रबंधन में कोई योजना हमने बंद नहीं की। सभी योजनाएं चल रही हैं। औद्योगिक निवेश का बड़ा अभियान चला रहे हैं। आने वाले समय में मध्य प्रदेश और कई गुना समृद्ध होकर निकलेगा?

प्रश्न। मध्य प्रदेश भाजपा का संगठन देश भर में आदर्श माना जाता है। इस एक साल में संगठन के साथ सत्ता के समन्वय को आप कैसे देख पा रहे हैं?

उत्तर: हमारे संगठन का मूल पारिवारिक भाव होता है। हमारे यहां संगठन में यह प्रशिक्षण दिया जाता है कि कोई भी काम निरपेक्ष भाव से करना चाहिए और उस काम का समाज को क्या लाभ मिल रहा है। इसकी भी चिंता करनी चाहिए। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि सरकार के सकारात्मक कार्यों को लेकर पार्टी हमेशा मदद करती रही है। पार्टी ने जब चुनाव की तरफ बात कही तो हम उधर उस रोल में आए। यह लोकतंत्र की खूबी है। इसी का परिणाम है कि 29 की 29 लोकसभा सीट हमारे पास आईं। उपचुनाव में दो सीट कांग्रेस के पास थीं और दो भाजपा के पास। भाजपा ने दोनों जीत और एक लीड कम कर दी।

प्रश्न : मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में कांग्रेस व अन्य दलों से नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। विजयपुर की हार ने एक संदेश भी दिया है?

उत्तर: अरे हम अमरवाड़ा जीते है न, विजयपुर तो हमारी है ही नहीं। आजादी के बाद सिर्फ एक बार भाजपा के सीताराम आदिवासी जीते हैं। कांग्रेस ने एक माहौल खड़ा किया है कि हम विजयपुर जीते हैं। विजयपुर तो पहले भी उनकी थी। अभी भी उनकी है। हम कहां हारे हैं? बुधनी या शेष स्थानों पर जहां भाजपा जीती है। वहां पर कोई घटना होती तो बात अलग होगी। फिर भी विजयपुर में हमने जीत का अंतर बहुत कम कर दिया। पिछली बार का अंतर कितना बड़ा था? फिर अमरवाड़ा तो कांग्रेस जीती थी न? मैने पहले ही बोला कि दो में एक विधानसभा सीट हमने कांग्रेस से छीन ली। चार उपचुनाव हुए भाजपा ने अपनी दो सीट सुरक्षित रखीं। एक कांग्रेस से छीन ली। फिर एक सीट में वह इतना कूद रहे है तो क्या बात है? 100 में से 50 नंबर लाकर अगर वह 100 का आनंद ले रहे है तो लें। आनंद लेने में मना थोड़ी है?

भाजपा आज एक विशाल परिवार का रूप ले चुकी है। जो इस परिवार में आना चाहता है उसका स्वागत है। शर्त सिर्फ इतनी सी है कि आने वाले को अपने हिसाब की बजाए परिवार के हिसाब से चलना होगा। भाजपा की रीति-नीति के अनुरुप आचरण रखना होगा।

प्रश्न : एक धारणा बनाई जा रही है कि डॉ. मोहन यादव अधिकतर निर्णय दिल्ली से पूछकर ही लेते हैं?

उत्तर : चलो आप ही मुझे बताएं कि कोई निर्णय दिल्ली से हुआ हो, किन्तु इस बात से भी इनकार नहीं कर सकते है कि हमारी संघीय व्यवस्था में दिल्ली और मध्य प्रदेश जुड़े हुए है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे डबल इंजन की सरकार बोलते हैं और हम भी मानते हैं। अगर हम नदी जोड़ो अभियान में उनसे धनराशि ला रहे हैं तो क्यों नहीं लाना चाहिए। अगर पार्वती, कालीसिंध सिंह, चंबल दोनों मिलाकर दिल्ली 175 लाख करोड़ का खर्चा दे रही है तो बड़ी बात है। वित्त कोष की व्यवस्था केन्द्र से ही तो होती है। हमारी व्यवस्थाओं को लेकर किसी बात की कोई परेशानी नहीं है?

प्रश्न: मध्य प्रदेश में किसानों को लेकर काफी काम हुआ है। आंकड़े भी इन प्रयासों की गवाही देते हैं। इसके बाबजूद क्या इस मोर्चे पर अभी भी डिलीवरी सिस्टम में सुधार की आवश्यकता महसूस करते है।

उत्तर : किसान कल्याण के लिए सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4,892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उपार्जन करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री किसान कल्याण सम्मान निधि में 6 हजार रूपये प्रति वर्ष का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया जा रहा है। फसल की बोनी के सही आंकलन के लिए डिजिटल क्राप योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जो सुधार की जरुरत है। वह भी किया जा रहा है?

प्रश्न : मप्र में औद्योगिकीकरण एक बड़ी चुनौती हैं। पिछले 10 साल से लगातार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, रीजनल समिट जैसे आयोजन हो रहे है, किन्तु जमीन पर इस बिषय में बहुत काम दिखाई नहीं देता है। क्या पिछले एक साल में सरकार ने इस मोर्चे पर कुछ नई कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाया है?

उत्तर : आप कैसी बात कर रहे हैं? अब तक हुई 6 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से कुल 4 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए है। इनसे 3 लाख से अधिक रोजगार सृजन होगा। फिर चुनौती से निपटना ही तो सरकार का काम है। चाहे फिर वह औद्योगिकीकरण हो या कोई और क्षेत्र।

प्रश्न : मप्र में लगातार भाजपा सरकार की कार्य संस्कृति में एक ठहराव सा नही आ गया है? खासकर ब्यूरोक्रेसी को लेकर पिछली सरकार में अक्सर सवाल उठते रहे हैं। आपने जवाबदेह तन्त्र के लिए क्या प्लान कर रखा है?

उत्तर : ब्यूरेक्रेसी की अनुशासन हीनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जा रही है। जनता के प्रति उन्हे जवाबदेह एवं संवेदनशील बनाने के लिए सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं। कलेक्टर द्वारा ड्राइवर का अपमान करने पर उन्हे हटाया गया। इसके साथ ही कार्यकर्तांओं को भी पूरी तवज्जों दी जा रही है।

प्रश्न : मप्र में बेरोजगारी की समस्या विकट है। स्वरोजगार के लिए काफी बातें हुईं है। इधर सरकारी भर्तियों पर भी सरकार कोई खास काम नहीं कर पाई है। पिछली सरकार ने ओर आपने भी एक लाख सरकारी भर्तियों की बात कही है, किन्तु एक साल में भर्ती बोर्ड कुछ खास परिणाम नहीं दे पाया है।

उत्तर : राज्य स्तरीय रोजगार दिवस के अवसर पर रिकॉर्ड 7 लाख युवाओं को 5 हजार करोड़ रुपये का स्व-रोजगार ऋण वितरित हुआ। सभी शासकीय विभागों में लगभग 1 लाख पदों पर भर्तियां की जा रही हैं। आगामी 5 वर्ष में 2.50 लाख सरकारी नौकरियां उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।

प्रश्न: महिला और दलित अत्याचार को लेकर विपक्ष बड़ा मुद्दा बना रहा है।

उत्तर : विपक्ष को तो कोई काम ही नहीं रह गया है। इसलिए हर बात का मुद्दा बनाता रहता है। महिलाओं और दलितों के लिए सरकार बेहद संवेदनशील है। शासकीय सेवाओं में महिलाओं को अब 35 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। लाड़ली बहना योजना में 1.29 करोड़ बहनों को जनवरी 2024 से अब तक 19 हजार 212 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का अंतरण किया गया। रक्षाबंधन पर बहनों को 250-250 रूपये अतिरिक्त राशि नेग के रूप में दी गई। प्रदेश की लगभग 26 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए वर्ष 2024 में 715 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का अंतरण किया गया।

जहां तक दलितों के अत्याचार से जुड़ी बात है तो भाजपा ने अनुसूचित जाति और जनजाति को कितना सम्मान दिया है? यह बताने की जरुरत नहीं है। देश की राष्ट्रपति कौन है? क्‍या बताने की आवश्यकता है?

प्रश्न- मध्‍यप्रदेश में सुशासन की दृष्टि से क्‍या कदम उठाए गए हैं?

उत्तर - शासन प्रशासन के दैनंदिन कामकाज में लोगों को असुविधा न हो इसके लिए हमारी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। थानों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण, संभाल, जिला एवं तहसीलों के पुनर्गठन एवं सीमाओं के युक्तियुक्‍तकरण के लिए आयोग गठित किया गया है। कानून व्‍यवस्‍था के अंतर्गत वारंट एवं समन तामील करने के लिए ई-तकनीक का उपयोग करने वाला मध्‍यप्रदेश पहला राज्‍य है।

प्रश्न : मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं को क्या सन्देश देना चाहते है?

उत्तर : भाजपा कार्यकर्ताओं को यह समझना होगा कि यह उनकी सरकार है। मोहन यादव उनका मुख्यमंत्री है। भाजपा लगातार विस्तार ले रही है। स्वाभाविक रुप से कुछ परिवर्तन होंगे। कुछ अप्रिय निर्णय भी सामने आएँगे। जिन्हे उन्हे सहज भाव से लेना होगा।

प्रश्न : आपकी सरकार में आपसे सीनियर तमाम मंत्री हैं। क्या एक मुख्यमंत्री के रूप में आपको काम करने में सहजता रहती है। कैबिनेट बैठकों की खबरे अक्सर मीडिया में छपती रहती है।

उत्तर : भाजपा में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। भाजपा एक परिवार है। जो वरिष्ठ मंत्री है। उनका सहयोग लगातार मिलता रहता है। बड़ी सहजता से सब काम चल रहा है।

प्रश्न : अगले चार साल अब कोई चुनाव नही हैं। आपका फोकस किन विषयों पर रहने वाला है?

उत्तर : सरकार के कार्य का फोकस चुनाव नहीं है। बल्कि भाजपा की सरकार जनकल्याणकारी सरकार की भावना को चरितार्थ करती थी। काफी काम किए गए हैं तो काफी करना है। इसका लक्ष्य तय किया गया है। पूरा खाका तैयार है। 

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