बांग्‍लादेश में हिंदू म‍ंदिरोंं पर हमला पार्ट - 1: साल दर साल सनातन अस्मिता को निशाना बना रहे हैं इस्‍लामी कट्टरपंथी, 2024 में इन बड़े मंदिरों पर हुआ हमला…

Update: 2024-12-01 08:42 GMT

बांग्लादेश, जहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय दशकों से अपनी पहचान और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, वहां अब धार्मिक और सांस्कृतिक हमला अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है।

ऐसा नहीं है कि ये घटनाएं पहली बार हो रही हैं। यह सिलसिला साल दर साल जारी है, लेकिन 2024 के घटनाक्रम ने फिर से दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरपंथी मानसिकता किस हद तक एक समुदाय की अस्मिता को मिटाने का प्रयास कर रही है।

बांग्लादेश में हालिया तख्ता पलट ने इस हिंसा को और बढ़ावा दिया। लेकिन यह सिर्फ सत्ता का खेल नहीं, बल्कि एक बहाना बन चुका है, कट्टरपंथी ताकतों के लिए यह मौका है, जो अल्पसंख्यक हिंदुओं को खत्म करने और उनकी सांस्कृतिक जड़ों को मिटाने की मंशा रखते हैं।

बहुसंख्यक इस्लामी राष्ट्रों में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति

इतिहास गवाह है कि जिन देशों में मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है और हिंदू अल्पसंख्यक, वहां हिंदुओं को हमेशा अपनी संस्कृति, धर्म और अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ी है। चाहे पाकिस्तान हो, अफगानिस्तान, या अब बांग्लादेश। मंदिरों को तोड़ने और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की घटनाएं एक खतरनाक संदेश देती हैं—कि वहां हिंदुओं की संस्कृति सुरक्षित नहीं है।

हर साल की तरह साल 2024 में भी कई बड़े हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है। मंदिर जल रहे हैं, मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं, और श्रद्धालुओं को हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है।

आइए नजर डालते हैं 2024 में मंदिरों पर हमले की उन सभी घटनाओं पर जिन पर कट्टरपंथियों का कहर टूटा और जो हर हिंदू को झकझोरने पर मजबूर कर देंगी।

1. लोकनाथ मंदिर पर हमला: चिटगांव में कट्टरपंथियों की खुली गुंडागर्दी


27 नंवबर 2024 को चिटगांव के फिरंगीबाजार स्थित प्रसिद्ध लोकनाथ मंदिर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया। हथियारों से लैस भीड़ ने खुलेआम लाठियों, डंडों, और तलवारों के साथ मंदिर में तोड़फोड़ की। चिल्लाते हुए उन्होंने न सिर्फ मंदिर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, बल्कि श्रद्धालुओं के मन में डर और असुरक्षा का माहौल भी पैदा कर दिया। यह हमला सिर्फ एक इमारत पर नहीं, बल्कि हिंदू आस्था और पहचान पर चोट थी।

इस घटना ने एक बार फिर बांग्लादेश में धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता का घिनौना चेहरा उजागर कर दिया।

2. इस्‍लामवादियों ने मनसा माता मंदिर में लगायी आग

27 जनवरी 2024 को चिटगांव के मेथोर पोट्टी इलाके में इस्लामवादियों ने मनसा माता मंदिर को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में केवल मंदिर ही नहीं, बल्कि हरिजन समुदाय के दर्जनों हिंदू घर भी जलकर खाक हो गए। यह हमला भी हिंदू अस्मिता को चोट पहुंचाने का एक और नृशंस प्रयास था।

3. काली मंदिर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का हमला

26 नवंबर 2024 को बांग्लादेश के चटगांव नगर पालिका के हजारी गली स्थित काली मंदिर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया।

  • हमलावरों ने मंदिर को निशाना बनाकर हिंदू आस्था पर प्रहार किया।
  • चरमपंथियों ने सोशल मीडिया पर इसके साथ मुसलमानों से इस्लाम के "शत्रुओं" के खिलाफ हिंसा को तेज करने की अपील की। 

4. इलियटगंज में दंगाइयों ने हिंदू मंदिर को निशाना बनाया

5 अगस्त 2024 को कोमिल्ला जिले के रामपुर इलाके के इलियटगंज में दंगाइयों ने एक हिंदू मंदिर को निशाना बनाते हुए हमला किया और तोड़फोड़ की।

  • भीड़ ने मंदिर पर ईंट-पत्थर फेंके और हिंसक तरीके से मंदिर के गेट को तोड़ दिया।
  • यह घटना धार्मिक सहिष्णुता पर एक और गंभीर आघात थी, जो अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए असुरक्षा का माहौल पैदा करती है।

5. दंगाई मुस्लिम भीड़ ने नोतन काली माता मंदिर को निशाना बनाया


5 अगस्त 2024 को मौलवीबाजार में दंगाई मुस्लिम भीड़ ने नोतन काली माता मंदिर को अपना निशाना बनाया।

  • भीड़ ने हिंदुओं के सामने ही मंदिर को आग के हवाले कर दिया।
  • इस घटना ने हिंदू समुदाय के बीच भय और असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया।

6. मुस्लिम भीड़ ने कोमिल्ला जिले में हिंदू मंदिर पर हमला

5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश के कोमिल्ला जिले में मुस्लिम भीड़ ने हिंदू मंदिर पर हमला करते हुए मंदिर के गेट को तोड़ दिया। बांग्लादेश के बिगड़ते हालात का फायदा उठाकर यह घटना अंजाम दी गई।

7. कट्टरपंथी मुस्लिम दंगाइयों ने छत्रग्राम में एक हिंदू मंदिर में आग लगाई

4 अगस्त 2024 को छत्रग्राम के नवरंग मंदिर में कट्टरपंथी मुस्लिम दंगाइयों ने आग लगा दी। इस घटना में लालचौंक इलाके में कई घरों और मंदिर को भी निशाना बनाया गया।

8. मुस्लिम दंगाइयों ने नोआखाली में हिंदू मंदिर में हमला किया

4 अगस्त 2024 को बांग्लादेश के नोआखाली में मुस्लिम दंगाइयों ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की। यह हमला अल्पसंख्यक समुदाय को डराने और धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया।

ये घटनाएं बांग्लादेश में हिंदू अस्मिता पर हो रहे लगातार हमलों का दुखद प्रमाण हैं।

9. मुस्लिम दंगाइयों ने करुणामयी काली माता मंदिर पर हमला किया

4 अगस्त 2024 को मुस्लिम दंगाइयों ने रंगपुर जिले के करुणामयी काली माता मंदिर पर हमला किया।

  • जब स्थानीय लोगों ने इस घटना का विरोध किया तो दंगाइयों ने उन पर भी हमला कर मारपीट की।
  • यह घटना धार्मिक असहिष्णुता का एक और गंभीर उदाहरण है।

10. ठाकुरगांव मुस्लिम उपद्रवियों ने तोड़े 14 मंदिर

7 फरवरी 2023 को, ठाकुरगांव में हमलावरों ने हिंदू धर्मस्थलों को निशाना बनाते हुए 14 मंदिरों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

  • इनमें शिंदुरिया क्षेत्र के नौ मंदिर, पारिया संघ के चार मंदिर, और नाथनगर संघ के एक मंदिर शामिल थे।
  • यह सुनियोजित हमला अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला था।

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर होने वाले ये हमले न केवल उनके धर्म और संस्कृति को चोट पहुंचाते हैं, बल्कि मानवाधिकार और धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांतों पर भी सवाल खड़ा करते हैं।

हर एक मंदिर पर हमला एक समुदाय की आस्था, पहचान और विरासत को मिटाने की कोशिश है। यह सिर्फ बांग्लादेश तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे विश्व को यह समझने की जरूरत है कि धार्मिक कट्टरता किसी भी समाज को कमजोर और अस्थिर बना सकती है।

अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान ले और इन अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षा और न्याय प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए। दुनिया को यह समझना होगा कि हर धार्मिक आस्था और संस्कृति को जीवित रखने से ही इंसानियत का वास्तविक अर्थ पूरा होगा। 

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