स्वदेश वेबडेस्क। मद्रास मेडिकल कॉलेज के 1907 बैच से 1912में उतीर्ण प्रथम महिला एमबीबीएस चिकित्सक डॉ. मुथू लक्ष्मी अईयार रेड्डी 'डिपार्टमेंट ऑफ़ सर्जरी में भी भारत की प्रथम महिला हाउस सर्जन नियुक्त हुईं। 30 जुलाई 1886 को तमिल राज्य के पुदुकोटाई नगर में ब्राह्मण पिता एवं देवदासी माता के परिवार में जन्मीं मुथुलक्ष्मी उस नगर की पहली ऐसी छात्रा भी थीं जिनको छात्रों के महाराजा हाई स्कूल में अध्ययन का अवसर प्राप्त हुआ। चिकित्सक बनने के बाद विदेश में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करके उन्होंने राजकीय महिला चिकित्सालय में प्रथम महिला चिकित्सक के रूप में सेवाएं प्रदान कीं।
डॉ. सुन्दर रेड्डी से विवाह करके वे उन्होनें निजी मेडिकल प्रैक्टिस के साथ-साथ समाज सेवा, स्वतंत्रता आन्दोलन तथा राजनीति में प्रवेश किया। स्वतंत्रता सेनानी एनीबैंसेट एवं सरोजिनी नाएडू के साथ उन्होंने महात्मा गांधी के सत्याग्रह में सहभागिता की। बाद में वे राज्य विधान परिषद की प्रथम महिला सदस्य निर्वाचित होकर उपाध्यक्ष भी बनीं। उन्होने देवदासी प्रथा समाप्त करने का विशेष प्रयास किया तथा महिला शिक्षा के लिए कन्या विद्यालय एवं छात्रावास की स्थापना की। स्वतंत्रता के बाद 1954 में अदियार कैंसर उपचार संस्थान और फाउंडेशन की स्थापना की। देश विदेश के अनेक पुरस्कारों के साथ उन्हें 1956 में भारत शासन द्वारा 'पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनकेदो पुत्र कृष्णमूर्ती एवं राममोहन भी समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रियरहे तथा डॉ कृष्णमूर्ति को भी कैसर उपचार सेवा के लिए पद्म श्री सम्मान प्राप्त हुआ। प्रथम महिला हाउस सर्जन चिकित्सक एवं विधायक मुथुलक्ष्मी ने1968 में मद्रास(चेन्नई) में अंतिम सांस ली। शत शत नमन।