राजघराने में जन्मे माधवराव सिंधिया ऐसे बने लोकप्रिय नेता, ग्वालियर का विकास रहा प्राथमिकता में

Update: 2020-09-25 14:20 GMT

स्वदेश वेबडेस्क। आमजन के बीच लोकप्रिय ग्वालियर सिंधिया राजघराने में जन्मे बड़े महाराज के नाम से विख्यात स्व. माधवराव सिंधिया की 30 सितम्बर को पुण्यतिथि है। उनका जन्म ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के अंतिम महाराज जीवाजी राव सिंधिया और महारानी विजयाराजे सिंधिया के 10 मार्च 1945 को हुआ। राजघराने में जन्म लेने वाले माधवराव सिंधिया ने राजशाही छोड़  जनमानस के नेता बने। उनकी विचारों में विकास था और आचरण में लोकतंत्र। उन्होंने आम लोगो के सरोकार से जुड़ कर राजनीति में एक अलग पहचान बनाई। एक दुर्घटना ने इस जुझारू नेता को जनता से छीन लिया। दरअसल 30 सितम्बर, 2001 को माधवराव सिंधिया एक सभा को संबोधित करने के लिए मैनपुरी जा रहे थे, वहां जाते समय प्लेन में आई खराबी के कारण क्रेश हो गया।  

जनसंघ से की राजनीतिक जीवन की शुरुआत -


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माधवराव सिंधिया ने अपनी मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया के सानिध्य में पहला चुनाव साल 1971 में जनसंघ के टिकट पर लड़ा और संसद पहुंचे। वह अपने जीवन में नौ बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। उन्हें राजनीतिक जीवन में एक बार भी हार का सामना नहीं करना पड़ा। इसका मुख्य कारण था आम जनों के साथ -साथ कार्यकर्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय होना। वह अपने सभी छोटे -बड़े कार्यकर्ताओं को उनके नाम से याद रखते थे। आवश्यकता के समय किसी भी कार्यकर्ता के घर पहुंच कर उसे अचंभित कर देते थे। यही कारण था कि वे आमजन के बीच काफी लोकप्रिय थे। माधव राव सिंधिया ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से लेकर पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिमेदारी को भी संभाला। वह विभिन्न कालावधि और सरकारों में रेलमंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कार्यभार संभाला। ग्वालियर के विकास में उनका जो योगदान है, उसे भुलाया नहीं जा सकता।   

ग्वालियर स्टेशन को नई पहचान दिलाई - 

माधवराव साल 1986 से 1989 तक रेलमंत्री रहे। उनका ये कार्यकाल रेल विभाग के साथ ग्वालियर के विकास का स्वर्णिम काल माना जाता है। इस दौरान उन्होंने ग्वालियर रेलवे स्टेशन को नई पहचान दिलाई। स्टेशन पर सुविधाओं में बढ़ोतरी कराई। उनके रेलमंत्री रहते ही दिल्ली से ग्वालियर तक सुपर फ़ास्ट शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की शुरूआत हुई।   

औद्योगिक क्षेत्रों का विकास -

ग्वालियर-चंबल अंचल के विकास के लिए माधवराव सिंधिया हमेशा आगे रहने वाले जननेता थे। यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मालनपुर एवं बानमोर औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में योगदान दिया। जहां देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियों ने निवेश किया।इसके अलावा स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने के लिए सिथौली में रेलवे स्प्रिंग कारखाना खुलवाया। 

खेल एवं शिक्षा में योगदान -

माधवराव सिंधिया एक अच्छे राजनेता होने के साथ खेलों के भी शौकीन थे। उन्होंने मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से की कप्तानी कर मप्र को कई मैच जिताये। क्रिकेट, गोल्फ और बैडमिंटन के शौकीन सिंधिया हमेशा खेलों को बढ़ावा देने के पक्षधर रहे। इसी के चलते उन्होंने ग्वालियर को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैदान एवं आधुनिक खेल संस्थान एलएनयूपीआई की सौगात दी। पीवी नरसिम्हा सरकार में जब वह मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने ग्वालियर में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान और प्रबंधन संस्थान की स्थापना की। इसके अलावा आईआईटीटीएम, आईएचएम जैसे आधुनिक शिक्षा वाले संस्थान भी दिए।   



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