मोदी का मतदाताओं को संसद से संदेश..!
संसद में जवाब से प्रधानमंत्री ने 5 राज्यों में चुनावी बढ़त बनाने की कोशिश की है।
वेब डेस्क। राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी को पहले चरण के चुनाव से ठीक पहले बहुत बड़ा मुद्दा दे दिया है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलते हुए राहुल गांधी ने बहुत सी ऐसी बातें कहीं, जिस पर भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी कांग्रेस को घेर सकते थे, लेकिन राहुल गांधी की भारत राष्ट्र को राष्ट्रों का समूह बताने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी के लिए मुंहमांगी मुराद जैसा रहा। भारतीय जनता पार्टी और उससे पहले भारतीय जनसंघ की पूरी राजनीति राष्ट्र और राष्ट्रवाद के इर्द गिर्द ही घूमती रही है। राम और राष्ट्र भारतीय जनता पार्टी की राजनीति की धुरी रहे हैं और आज भी सबका साथ, सबका विकास फिर उसमें सबका प्रयास और अब सबका विश्वास जुडऩे के बावजूद इस सबकी बुनियाद राम और राष्ट्र ही रही है। भारतीय जनता पार्टी की इसी राजनीति को मीडिया सामान्य संदर्भों में हिन्दुत्व की राजनीति कहता है और कई बार इसमें मुसलमान विरोधी राजनीति भी कहा जाता है। पश्चिमी प्रकाशनों में भारतीय जनता पार्टी को हिन्दू पार्टी के तौर पर ही चिन्हित किया जाता है। वैचारिक तौर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भारतीय जनता पार्टी को ऊर्जा मिलती है। भाजपा नेता के तौर पर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुँचे दोनों नेता- अटल बिहारी वाजपेयी और अभी नरेंद्र मोदी- संघ के प्रचारक रहे हैं। भारत माता की संकल्पना को लेकर ही संघ और भाजपा की पूरी सामाजिक और राजनीतिक यात्रा रही है। ऐसे में जब कांग्रेस नेता के तौर पर राहुल गांधी भारत राष्ट्र पर ही प्रश्न खड़ा करते हैं तो नरेंद्र मोदी को आसानी से मुद्दा मिल जाता है।
पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य उार प्रदेश में पहले चरण में 58 विधानसभा सीटों पर चुनाव 10 फऱवरी को होना है। इस बार वायरस की बंदिशों की वजह से उार प्रदेश या दूसरे चुनावी राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी रैलियाँ नहीं हो सकीं। शुरुआती दौर में भले विश्लेषकों ने यह कहाकि, वर्चुअल चुनाव प्रचार का सबसे अधिक लाभ भारतीय जनता पार्टी को होगा, लेकिन वर्चुअल रैली का उस तरह का प्रभाव नहीं हो पाता, यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अच्छे से पता चली है। अब राष्ट्रपति के अभिभाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात रखते हुए बड़े सलीके से उस कमी को भी पूरा कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के राष्ट्र पर कहाकि, अगर भारत देश नहीं है तो कांग्रेस का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस यों है।
नरेंद्र मोदी ने भले हमला कांग्रेस पर बोला हो कि, कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर है, लेकिन प्रधानमंत्री का निशाना उार प्रदेश चुनाव पर रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र और उार प्रदेश की सरकार के कोरोना काल में किए कामों की भी जमकर प्रशंसा की और लगे हाथ कोरोना काल में हुई सारी गड़बड़ी के लिए विपक्ष को यह कहकर दोषी ठहरा दिया कि, जब दुनिया अपने घर में रहने के लिए कह रही थी तो विपक्ष लोगों को सड़कों पर उतारकर कोरोना फैला रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषक आरोप लगा रहे हैं कि, उन्होंने प्रधानमंत्री की बजाय राजनीतिक प्रचारक जैसा व्यवहार किया है, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बात अच्छे से पता है कि, चुनावी जीत से ही उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा बनी रहेगी। भले ही उार प्रदेश और दूसरे चार राज्यों के चुनावी परिणाम उनकी सरकार पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगे, लेकिन पाँच चुनावी राज्यों में से चार में भाजपा की सरकार होने से चुनावी नतीजे में जरा सा भी कमी और विशेषकर उार प्रदेश के नतीजों में कमजोरी सीधे नरेंद्र मोदी से जोड़ दी जाएगी। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर उार देते हुए चुनावी प्रचार को निश्चित तौर पर ध्यान में रखा। इसके अलावा छोटे किसानों की मज़बूती सहित अपनी सरकार के सभी प्रमुख कार्यक्रमों को भी विस्तार से प्रधानमंत्री ने बताया। महंगाई और बेरोजग़ारी के मुद्दे पर अपनी सरकार की उपलब्ध के साथ ही पहले की सरकारों में या स्थिति रही, उसे बताकर प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी के ख़िलाफ़ इन मुद्दों पर बन रहे माहौल को भी कमजोर करने का प्रयास किया।
पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों की सरकारें भले ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लड़ रही हों, लेकिन नरेंद्र मोदी ने केंद्र में कांग्रेस की सरकारों के दौरान विपक्ष की राज्य सरकारों से हुए बर्ताव की याद दिलाते हुए लोकतांत्रिक पैमाने पर भाजपा सरकार के बेहतर होने की बात भी लोगों तक पहुँचाने की कोशिश की। चुनावी राज्यों पर भी प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान था। इसीलिए कांग्रेस ने होती तोज् कहते हुए परिवारवाद, भ्रष्टाचार और दूसरे गड़बडिय़ों के लिए गांधी परिवार को जि़मेदार ठहराने के साथ कश्मीरी पंडितों के साथ ही सिखों के नरसंहार के लिए भी कांग्रेस को दोषी ठहरा दिया। उार प्रदेश में पहले चरण के चुनावों से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों की कसर पूरी कर ली है और मतदाताओं के उनकी सरकार के दौरान गऱीबों के लिए कामों को याद दिलाने के साथ ही यह भी याद दिलाने की कोशिश की है कि, आज अगर विकास का लाभ हर वर्ग को मिल रही है तो उसकी सबसे बड़ी वजह केंद्र के साथ राज्यों में भी भारतीय जनता पार्टी का होना है। अब प्रधानमंत्री की रैलियों की तरह संसद के दोनों सदनों से मतदाताओं को दिया गया संदेश कितना प्रभावी होता है, इसका परिणाम आना बाक़ी है।
(लेखक : हर्षवर्धन त्रिपाठी - पत्रकार, हिंदी ब्लॉगर हैं।)