प्रसिद्ध रंगकर्मी योगेश सोमण ने लाइव वेबिनार को किया संबोधित

Update: 2020-06-08 10:52 GMT

ग्वालियर। प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं वीर सावरकर के चरित्र को नाट्य रूप में प्रदर्शित करने वाले योगेश सोमण ने कहा कि देश में लम्बे समय तक वास्तविक शौर्य गाथाओं को छिपाकर झूठ परोसा गया, फिल्मों के माध्यम से भारतीय संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया गया, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें व्यापक परिवर्तन आया है। अब देश भाव को प्रकट करने वाले चरित्रों की ओर भी फिल्म निर्माताओं और रंग कर्मियों की दृष्टि जा रही है। यह बात उन्होंने स्वदेश ग्वालियर समूह द्वारा आयोजित किए एक वेबिनार "कला जगत : वर्तमान एवं भविष्य में चुनौतियां और संभावनाएं" में व्यक्त किए।

उरी द सर्जीकल एवं दृश्यम फेम योगेश सोमण रंगमंच का एक जाना पहचाना नाम बन चुका है। वे कहते हैं कि जहां लेखन होता है, वहीं सृजन होता है। इसलिए वे सबसे पहले लेखन को ही महत्व देते हैं। क्योंकि इसके बिना आगे की कल्पना नहीं की जा सकती। वर्तमान में कोरोना काल में श्री सोमण चिंता व्यक्त करते हुए कहते हैं कि महाराष्ट्र में विशेषकर मुम्बई में इसका प्रकोप ज्यादा है और यह नगर कला का केन्द्र है, इसलिए बहुत कुछ रुका है तो नवीन संचार माध्यमों से इस दिशा में प्रयास भी हो रहे हैं। यह संचार माध्यम विचार व्यक्त करने का अच्छा माध्यम बनकर उभरा है।

हिंसा और सेक्स प्रधान दृश्यों वाली फिल्मों के एक प्रश्न पर वे कहते हैं कि हमें पहले यह पता होना चाहिए कि हम क्या बना रहे हैं। जो बना रहे हैं उसमें वाहियात बात नहीं होना चाहिए। भाषा संस्कारों से युक्त होना चाहिए। यह सब हमारी सोच पर निर्भर करता है। फिल्मों के माध्यम से किस प्रकार से समाज को भ्रमित किया गया, यह हमने देखा है। वे कहते हैं कि पहले फिल्मों में दुष्कर्म करने वाला मंदिर का पुजारी ही दिखाया जाता था, अन्य संप्रदाय का व्यक्ति नहीं। यह सब योजना से किया जाता था।

कांगे्रस नेता राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर दिए गए बयान की प्रतिक्रिया देने के बाद चर्चा में आए श्री सोमण जोर देते हुए कहते हैं कि जो भी व्यक्ति भारत के आदर्शों के बारे में गलत बोलेगा, मैं उसके बारे में बोलूंगा। बाबा साहब अम्बेडकर के बारे में कोई बोलेगा तो मैं ऐसी ही प्रतिक्रिया दूंगा। वे इस मुद्दे पर आगे कहते हैं कि राहुल गांधी को इतिहास की जानकारी नहीं है, वे तो कांगे्रस का भी इतिहास नहीं जानते। वह तो बना बनाया युवराज है। राहुल गांधी तो सावरकर का नाम भी नहीं जानते, वे सवारकर कहते हैं।

शास्त्री और सुभाष पर भी करेंगे काम

वीर सावरकर के जीवन चरित्र पर एक नाट्य प्रस्तुति देने वाले श्री सोमण कहते हैं कि अभी देश में कई प्रसंग ऐसे हैं, जिनके बारे में हमें पता भी नहीं है। हम उन पर भी गंभीरता से काम कर रहे हैं। महापुरुषों के ऐतिहासिक मिलन में क्या चर्चा हुईं, इसको दृश्यांकन रुप में देश के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु कैसे हुई और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन कैसा था, इस पर भी काम किया जाएगा।

ग्वालियर के रंगकर्मी प्रस्तुत करेंगे हिन्दी रूपांतरण

चाणक्य, वीर शिवाजी और सावरकर जी का मराठी भाषा में एकल नाट्य मंचन पर गहनता से काम करने वाले श्री सोमन से नगर के रंगकर्मी प्रो. आलोक शर्मा ने हिन्दी में प्रस्तुतिकरण करने का प्रश्न किया, तब उत्तर में उन्होंने सहमति प्रदान की और श्री शर्मा ने इस पर काम करने और मंच प्रदान करने की बात कही। श्री आलोक शर्मा के इन प्रयासों में स्वदेश के संचालक प्रांशु शेजवलकर ने पूर्ण सहयोग करने की बात कही।

ऑनलाइन कार्यक्रम में इनकी सहभागिता

इस वेबिनार के सफल सूत्रधार वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश पाठक ने कुशल संचालन में अन्य प्रबुद्धजन भी शामिल रहे। जिन्होंने श्री सोमन से अनेक मुद्दों पर प्रश्न किए और उन्होंने इनके सभी प्रश्नों का सारगर्भित उत्तर दिया। इनमें समूह संपादक अतुल तारे, अमोल श्रीराम देशमुख, वरिष्ठ पत्रकार अपर्णा शर्मा, मनु त्रिपाठी एवं मधुकर चतुर्वेदी आदि शामिल रहे।


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