कांग्रेस नेत्री ने दिया इस्तीफा, कहा- पार्टी में मुसलमानों की सुनवाई नहीं

Update: 2021-12-06 08:25 GMT

उज्जैन। कांग्रेस की तेज तर्रार नेत्री नूरी खान ने रविवार को पार्टी पर अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। उन्होंने सोमवार तड़के ट्वीट करते हुए कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जी से चर्चा कर मैंने अपनी सारी बात पार्टी के समक्ष रखी है। 22 साल में पहली बार मैंने इस्तीफ़े की पेशकश की कही ना कही मेरे अंदर एक पीड़ा थी, लेकिन कमलनाथ जी के नेतृत्व में विश्वास रख अपना इस्तीफ़ा वापस ले रही हूँ।

बता दें कि नूरी खान उज्जैन क्षेत्र की कद्दावर नेत्री मानी जाती हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ कई बार उनकी तारीफ कर चुके हैं और उन्हें महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष के योग्य बता चुके हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी में अपनी उपेक्षा के चलते नूरी खान नाराज चल रही थीं। इसी के चलते उन्होंने रविवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को इस्तीफे के संबंध में पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी में रहकर अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं एवं अपने लोगों को राजनैतिक एवं सामाजिक न्याय दिलाने में असहज महसूस कर रही हूं। भेदभाव की शिकार हो रही हूं। अतः अपने सारे पदों से आज इस्तीफ़ा दे रही हूं। 

भेदभाव से क्षुब्ध - 

उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि मैंने स्वयं यह महसूस किया कि मुझे जिस तरह से इतनी मेहनत और लगन से कार्य करने के बाद भी सिर्फ वर्ग विशेष होने की वजह से पार्टी में जिम्मेदार पदों पर नहीं बैठाया जाता। जब मेरे साथ यह स्थिति है तो प्रदेश के अन्य जिलों में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व की पार्टी में क्या स्थिति होगी, यह समझा जा सकता है। उन्होंने कहा था कि मैंने न भूख देखी ना धूप, मेहनत और ईमानदारी से कांग्रेस पार्टी को मज़बूत बनाने के लिए संघर्ष करती रही, जनता की लड़ाई सड़कों पर लड़ती रही, लेकिन मुझे हमेशा पार्टी की तरफ़ से हर क़दम पर अहसास दिलाया जाता रहा "तू मुसलमान है", भेदभाव से क्षुब्ध होकर पार्टी को अलविदा कहा, लेकिन कुछ ही घंटों में उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया।

धैर्य रखने का आश्वासन - 

नूरी खान ने इस्तीफा वापस लेने के बाद कहा कि उन्हें पार्टी से धैर्य रखने का आश्वासन मिला है, इसलिए मैं अपना इस्तीफा वापस लेती हूं। उन्होंने बताया कि पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे के विषय में मेरी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से चर्चा हुई। मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। मुझे पार्टी द्वारा सकारात्मक बात-चीत हेतु आमंत्रित किया गया है और मेरी समस्त आशंकाओं को दूर कर पार्टी अध्यक्ष द्वारा अपना इस्तीफा पुन लेने का आग्रह किया गया है और मुझे ये विश्वास भी दिलाया गया है की पार्टी अन्याय नहीं होने देगी। पार्टी अध्यक्ष से मुलाक़ात कर मैं नतीजे पर ही जाऊंगी।

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