MP News: महाकाल के नाम पर 9,900 रुपये की ठगी, जांच में उजागर हुआ तीन करोड़ का घोटाला
Fraud of Rs 9,900 in the name of Mahakal: उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर के दो कर्मचारियों के बैंक खातों में करीब तीन करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन के रिकॉर्ड मिले हैं। मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल की शिकायत पर महाकाल पुलिस ने दर्शन प्रभारी और सफाई निरीक्षक के खिलाफ अमानत में खयानत और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया है।
यह पूरा मामला गुरुवार को जलाभिषेक के नाम पर उत्तर प्रदेश और गुजरात के 10 श्रद्धालुओं के साथ हुई ठगी की जांच के दौरान सामने आया। कलेक्टर और मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज सिंह ने खुद इस मामले को पकड़ा। बता दें कि कलेक्टर नीरज कुमार सिंह गुरुवार सुबह श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने नंदी हॉल में कई श्रद्धालुओं को देखा।
यूपी और गुजरात से आए थे श्रद्धालु
जांच के दौरान पता चला कि यूपी और गुजरात से आए श्रद्धालुओं को पैसे लेकर जलाभिषेक करवाने का लालच दिया गया था। कलेक्टर के आदेश पर जांच की गई। पता चला कि श्रद्धालुओं से 9900 रुपए की ठगी की गई है। इसके बाद महाकाल पुलिस ने धोखाधड़ी की धारा में दो केस दर्ज किए थे। इनमें पुजारी अजय शर्मा, पुजारी प्रतिनिधि राजेश भट्ट और सेवादार कुणाल शर्मा आरोपी थे।
गुरुवार शाम को मंदिर प्रशासन ने अजय शर्मा, राजेश भट्ट, नंदी मंडपम के सुरक्षाकर्मी विकास, संदीप, करण और कन्हैया को निलंबित कर दिया था।
मोबाइल फोन से हुआ खुलासा
मंदिर समिति ने जलाभिषेक के नाम पर दर्शनार्थियों से रुपए लेने के मामले की जांच की थी। इसमें मंदिर के दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे की मिलीभगत सामने आई थी। दोनों के मोबाइल फोन और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जांच करने पर गूगल पे और फोन पे खातों में करीब तीन करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है।
इस मामले में पुलिस ने मंदिर के सहायक व्यवस्थापक मूलचंद जूनवाल की शिकायत पर दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे के खिलाफ धारा 318 (4), 316 (2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। मंदिर कर्मचारियों के बैंक खातों में मिले संदिग्ध लेन-देन की बारीकी से जांच की जा रही है। बताया जा रहा है मंदिर के कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो जांच शुरू होते ही छुट्टी पर चले गए।