उज्जैन। भगवान महाकाल के भक्त जल्द ही अपने आराध्य की भस्मारती में शामिल हो सकेंगे। कोरोना संकट शुरू होने के बाद से भगवान महाकाल की भस्मारती में बंद भक्तों का प्रवेश 15 मार्च से दोबारा शुरू होने जा रहा है। ये निर्णय मंदिर की प्रबंधन समिति ने आज मंगलवार लिया है। जिसके बाद 15 मार्च से पूर्व की तरह पूर्ण क्षमता के साथ भक्त भस्मारती में शमिल हो सकेंगे। वहीँ गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति के संबंध में 15 मार्च के बाद विचार किया जाएगा।
इस बैठक में महाकाल के समानय दर्शन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था को जारी रखें जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए मंदिर परिसर में स्थित आठों कियोस्क के प्रचार -प्रसार एवं विकास के निर्देश दिए गए। निर्णय लिया गया कि जो भी दर्शनार्थी बिना बुकिंग के मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं, उनको निराश न होना पड़े, इसके लिए उनकी हर संभव निशुल्क सहायता की जाए एवं उपलब्ध दर्शन स्लॉट में से कियोस्क के माध्यम से उनकी ऑनलाइन बुकिंग करवाई जाए।
इसके साथ ही भगवान महाकाल की शयन आरती में दर्शनार्थियों को प्रवेश देने का निर्णय लिया गया तथा इसका समय बढ़ाकर रात्रि 10.15 बजे तक कर दिया गया, जिससे इस समय तक मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचने वाले दर्शनार्थी भी शयन आरती के दर्शन का लाभ ले सकेंगे।इसके अलावा भगवान् महाकाल को चढ़ाये जाने वाली पगड़ी के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया कि उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुसार केवल परंपरागत पगड़ी ही भगवान को चढ़ाई जाए।