श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली में आकर मन गौरव का अनुभव कर रहा है : राज्यपाल

Update: 2021-08-30 14:49 GMT

उज्जैन।  राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सभी लोगों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जयिनी रही है। उज्जयिनी की पावन एवं पवित्र नगरी में आने से मेरा मन गर्व का अनुभव कर रहा है। राज्यपाल पटेल ने यह बातें सोमवार को उज्जैन प्रवास के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के 130 नवीन पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि उज्जयिनी नगरी प्राचीनकाल से ही पवित्र नगरी रही है। यहां के लोगों का सौभाग्य है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने यहाँ गुरू सान्दीपनि के आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण की। उस समय राज परिवार एवं सामान्य बालक सब एक साथ गुरूकुल में शिक्षा ग्रहण करते थे। भगवान श्रीकृष्ण एवं सुदामा ने साथ ही गुरू सान्दीपनि के आचार्यत्व में शिक्षा ग्रहण की। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को कर्त्तव्य पालन की सीख दी।

नवीन पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ - 

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विक्रम कीर्ति मन्दिर में विक्रम विश्वविद्यालय के 130 नवीन पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में एक साथ 130 से अधिक नवीन पाठ्यक्रम शुरू होने जा रहे हैं। इन्हें मिलाकर अब कुल 180 पाठ्यक्रम हो जाएंगे। नवीन पाठ्यक्रम युवाओं को भविष्य में नवीन ऊंचाइयों पर लेकर जायेंगे। नवीन पाठ्यक्रम युवाओं को एक ही विषय में बंधे रहने से मुक्त करायेगा और आगे बढ़ने में मदद कर आत्म-निर्भर बनायेगा।राज्यपाल ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में पढ़कर अनेक विद्यार्थी निकले हैं, जिन्होंने जीवन में महत्वपूर्ण पद प्राप्त किये हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिये। हम सब प्रयास करें कि भारत पुन: विश्वगुरू कहलाए।

प्रतीक चिन्ह भेंट - 

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम से पूर्व सम्राट विक्रमादित्य की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। नृत्य-संगीत के कलाकारों ने पारम्परिक नृत्य कर राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल पटेल को प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विश्वविद्यालय की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

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