देश में सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाई जाएगी होली, सुबह 4 बजे उड़ेगा गुलाल
उज्जैन। कोरोना से जुड़े सभी प्रतिबंध समाप्त होने के बाद मध्य प्रदेश में दो साल बाद इस बार होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। आगामी 17 मार्च की रात में होलिका दहन होगा जबकि अगले दिन लोग रंग-गुलाल से होली खेलेंगे। इस बार भी परम्परा के मुताबिक विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में देशभर में सबसे पहले होली खेली जाएगी। इस बार यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
महाकाल की नगरी उज्जैन में देश में सबसे सभी त्योहार मनाए जाते हैं। चाहे दीपावली हो, रक्षा बंधन या फिर होली, सभी त्योहारों की शुरुआत सबसे पहले भगवान महाकाल के आंगन से होती है। वर्षों से यह परम्परा चली आ रही है। इस बार होली का पर्व महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में देशभर में सबसे पहले मनाया जाएगा। संध्याकालीन आरती के बाद होलिका दहन होता है, जिसके लिए किसी प्रकार का मुहूर्त नहीं देखा जाता है।
गुलाल से खेली जाएगी होली -
इस बार यहां 17 मार्च को शाम 7 बजे होलिका दहन किया जाएगा। इसके साथ ही भगवान महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित कर मंदिर में होली खेलने की शुरुआत होगी। अगले दिन भस्मारती के समय सुबह 4.00 बजे मंदिर के प्रागंण में गुलाल से होली खेली जाएगी। इसके लिए टेसू के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार किए गए हैं। माना जाता है कि महाकाल के आंगन में होली पर विशेष तरह की पूजा-अर्चना करने से दुख, दरिद्रता और संकट का नाश होता है। होली पर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने से काफी लाभ प्राप्त होता है।
केवल पुजारियों ने खेली होली -
पिछले दो साल से कोरोना के चलते महाकाल मंदिर में केवल पुजारियों द्वारा ही होली खेली गई। श्रद्धालु होली उत्सव में शामिल नहीं हो पाए थे लेकिन इस वर्ष सभी प्रतिबंध हट गए हैं। नतीजतन, इस बार श्रद्धालु महाकाल के आंगन में होली खेल सकेंगे। यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के इस होली उत्सव को मनाने के साथ बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचने की संभावना है।