उज्जैन में 25 अप्रैल से शुरू होगी पंचकोशी यात्रा, अधिकारीयों ने किया निरीक्षण
उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में कोरोना काल के दो साल बाद इस बार श्रद्धालु धूमधाम से पंचकोशी यात्रा कर सकेंगे। आगामी 25 अप्रैल को वैशाख कृष्ण दशमी पर यात्रा का शुभारंभ होगा। यात्री पटनी बाजार स्थित नागचंडेश्वर मंदिर में भगवान से बल लेकर यात्रा की शुरुआत करेंगे। पांच दिवसीय यात्रा का समापन 29 अप्रैल को अमावस्या पर होगा। संभागायुक्त संदीप यादव एवं पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने मंगलवार को 118 किलो मीटर के पंचक्रोशी मार्ग का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान डीआईजी अनिल कुशवाह, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल भी मौजूद थे।
संभागायुक्त ने पंचक्रोशी यात्रा मार्ग के सभी पड़ाव स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी पड़ाव स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिये और कहा कि सीसीटीवी कैमरे से श्रद्धालुओं की सभी व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग की जायेगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने विगत वर्षों की तुलना में इस बार यात्रियों को रूकने के लिये टेन्ट का एरिया बढ़ाने के निर्देश दिये। भ्रमण के दौरान सभी पड़ाव स्थल पर यात्रियों के रूकने की व्यवस्थाएं लगभग पूर्णता की ओर थी।
मेडिकल कैम्प लगाने के निर्देश
अधिकारियों ने बताया कि टेन्ट एवं टॉयलेट की व्यवस्था 22 अप्रैल को पूर्ण कर ली जायेगी। संभागायुक्त ने कहा कि पड़ाव स्थल की लेवलिंग का कार्य एवं मार्ग की झाड़ियों की सफाई का कार्य पीडब्लयूडी यात्रा प्रारम्भ होने से पहले पूर्ण कर ले। साथ ही पड़ाव स्थल के अलावा ऐसे विश्रांति स्थल पर भी पेयजल की व्यवस्था करने के लिये कहा है, जहां पर यात्रीगण कुछ देर के लिये रूकते हैं। कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को प्रत्येक पड़ाव स्थल पर पर्याप्त संख्या में अस्थाई टॉयलेट्स बनाने तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रत्येक पड़ाव पर मेडिकल कैम्प लगाने के निर्देश दिये।
तालाब की मरम्मत -
संभागायुक्त ने कहा कि सभी पड़ाव स्थल पर क्या-क्या व्यवस्था रहेगी, इसकी एक चेकलिस्ट भी बना ली जाये और चेकलिस्ट के अनुसार सभी व्यवस्थाएं समय रहते पूर्ण कर ली जायें। बताया गया कि यात्रीगण स्नान के लिये उंडासा तालाब जाते हैं। वापसी में उंडासा आखरी पड़ाव है। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि उंडासा तालाब डेमेज हो रहा है। उसमें मरम्मत की आवश्यकता है। संभागायुक्त ने जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को तालाब की वर्तमान स्थिति का अवलोकन करने के निर्देश दिये।
इसके बाद संभागायुक्त ने क्रमश: पिंगलेश्वर, करोहन, नलवा, अंबोदिया, कालियादेह और अन्त में दुर्देश्वर जैथल पड़ाव स्थल का निरीक्षण किया। जैथल में संभागायुक्त ने पेयजल की स्थिति की जानकारी ली। बताया गया कि पड़ाव स्थल पर आठ पानी के टेंकर लगाये जायेंगे और यात्रा के दौरान पांच पानी के टेंकर चलायमान स्थिति में रहेंगे। जैथल में श्रद्धालु 27 अप्रैल को आयेंगे। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि हर पानी के टेंकर में पांच से छह नल की टोटी भी लगा दें। साथ ही गांव में यदि किसी का प्रायवेट ट्यूबवेल है तो वहां से पेयजल अवश्य लें।