पं. धीरेंद्र शास्त्री ने महाकाल मंदिर में की पूजा अर्चना, कहा- भारत हिंदू राष्ट्र हो, धर्म विरोधियों की बंधे ठठरी

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार सुबह उज्जैन पहुंचकर 4 बजे भगवान महाकाल का जलाभिषेक और दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया

Update: 2024-04-30 13:31 GMT

 उज्जैन।  बागेश्वर धाम के चर्चित पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मंगलवार को उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने श्री महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना की। पंडित धीरेंद्र शास्त्री सुबह भस्म आरती में शामिल हुए। उन्होंने नंदी हाल में बैठकर शिव की आराधना की। वहीं गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया है। इस दौरान मीडिया से बातचीत में पं. शास्त्री ने कहा कि महाकाल से मध्यप्रदेश और देश के कल्याण की मंगलकामना की है। भारत हिंदू राष्ट्र हो, इसके लिए हमने रुद्राभिषेक किया, जबकि धर्म विरोधियों की ठठरी बंधे। 

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार सुबह उज्जैन पहुंचकर 4 बजे भगवान महाकाल का जलाभिषेक और दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई। भगवान महाकाल का भांग, सूखे मेवों, चंदन, आभूषण और फूलों से राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भस्म अर्पित करने के पश्चात शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी माला अर्पित की गई। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि महाकाल की प्राचीन परंपरा बरकरार रहनी चाहिए, यहां के पुजारियों की परंपरा बरकरार रहनी चाहिए, प्राचीन परंपरा अक्षुण्य रहनी चाहिए, इससे संस्कृति जीवंत रहेगी। उन्होंने कहा कि कुछ धर्म विरोधी यहां पर भी टांग अड़ाना चाहते हैं।

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