महाशिवरात्रि पर 13 लाख दीपों से सजेगा शिप्रा का घाट, बनेगा विश्व रिकार्ड
उज्जैन। शहर में मंगलवार, एक मार्च को महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी दिन शिप्रा नदी के तटों पर एक साथ 13 लाख दीप प्रज्ज्वलित होंगे। यह एक विश्व रिकार्ड होगा। इस कार्य की शुरुआत सोमवार को हो चुकी है। दीपकों को सजाया जा चुका है। मंगलवार को तय समय पर इनमें तेल और बाती के साथ कपूर रखा जाएगा तथा शाम 7 बजे एक साथ उन्हें प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। ड्रोन कैमरे के माध्यम से 10 मिनट का अंधेरा करके प्रज्ज्वलित दीपकों के वीडियो विभिन्न एंगल से बनाए जाएंगे। रात्रि 8 बजे से शहरवासी इस विश्व रिकार्ड को देखने के लिए घाटों तक जा सकेंगे।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इस काम के लिए स्वयंसेवकों का स्व-पंजीयन किया गया है। इसमें 13 हजार स्वयंसेवक-महिला, पुरूष, युवक, युवतियां समाज के विभिन्न वर्गों से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन तय समय पर शहरभर में मंदिरों सहित कुल 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। जिसमें मुख्य रूप से तटों पर 13 लाख दीपक और महाकाल मंदिर में 1 लाख 51 हजार दीपक शामिल है। इसी प्रकार मंगलनाथ मंदिर में 11 हजार, काल भैरव मंदिर एवं घाटों पर 10 हजार, सिद्धवट मंदिर एवं घाटों पर 6 हजार, हरसिद्धि मंदिर पर 5 हजार, घण्टाघर चौक पर 1 लाख तथा अनुमानत: घरों में 2 लाख दीपक शामिल हैं।
दीपक प्रज्जवलित करनेवाले स्वयंसेवकों का पंजीयन क्यूआर कोड आधारित एप द्वारा किया गया है। इनको अपने पहचान पत्र दिए जाएंगे। इस समय में आम आदमी का प्रवेश निषेध रहेगा। कलेक्टर ने लोगों से अपील की कि इस दिन दीपावली स्वरूप त्यौहार मनाकर पूरे शहर को एक साथ रोशन करें। ज्ञात रहे अयोध्या में 9.41 लाख दीपक एकसाथ रोशन हुए थे। उज्जैन में वल्र्ड रिकार्ड बनने के बाद यह पहले नम्बर पर आ जाएगा।
भस्मारती से होगी पूजन की शुरुआत -
महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात 3 बजे नियमित होनेवाली भस्मार्ती पश्चात सुबह करीब 5 बजे से आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए नंदीहाल के पीछे बनी पीतल की बेरीकेटिंग तक प्रवेश दिया जाएगा। दर्शन का सिलसिला लगातार चलेगा और बुधवार को दोपहर में होने वाली भस्मार्ती से पूर्व यह सिलसिला थमेगा। दोपहर में होने वाली भस्मार्ती के पश्चात पुन: दर्शन का सिलसिला प्रारंभ होगा, जो कि शयन आरती के साथ समाप्त हो जाएगा।