श्री महाकालेश्वर मंदिर: श्रद्धालुओं को ठगने वालों की 24 घंटे में धरपकड़

- पुलिस ने पकड़े 7 आरोपी, लेपटॉप और कम्प्यूटर जब्त, एक दिन पहले दिल्ली के श्रद्धालुओं से की थी ठगी

Update: 2023-04-18 10:41 GMT

 श्री महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्मार्ती की फर्जी परमिशन बनाकर बेचने और लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का पुलिस ने मंगलवार को खुलासा किया है। पुलिस कंट्रोल रूम में एएसपी अभिषेक आनंद ने प्रकरण की जानकारी दी। उनके अनुसार प्रकरण में सात आरोपी को हिरासत में लिया। इसमें मंदिर की व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़ी एंजेसी के लोग शामिल है। इन्ही की मदद से फर्जी परमिशन के बाद भी लोगों को प्रवेश करवा दिया जाता था। इनके पास से एक लेपटॉप, छह मोबाइल, एक सीपीयू जब्त किया। पुलिस ने मामला उजागर होने के 24 घंटे के भीतर ही आरोपियों को हिरासत में लेकर खुलासा कर दिया। बता दे कि एक दिन पूर्व दिल्ली के छह श्रद्धालुओं के साथ फर्जी परमिशन बनाकर 4500 रूपए की ठगी की गई थी।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन प्रातःकाल होने वाली भस्मार्ती की काफी मान्यता है। इस आरती में शामिल होने के लिए काफी दिन पहले ऑनलाइन बुकिंग करवानी पड़ती है। जानकारी के अभाव में लोग उज्जैन आ जाते है और भस्मार्ती के लिए प्रयास करते है। ऑफ लाइन भी परिमशन मिलती है, लेकिन सीट कोटा काफी कम है। ऐसे में मंदिर के आसपास सक्रिय रहने वाले दलाल परमिशन बनवाने के नाम पर ठगी कर लेते हैं। पूर्व में कई बार प्रशासन ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो मंदिर की भस्मार्ती परमिशन का व्यापार करने लगते है। कई तो फर्जी बनाकर बेच देते है।

तीन लोगों को बेची थी 4500 में परमिशन

दिल्ली से तीन श्रद्धालु आए थे। इन्हें पवन और मृत्युजय नाम के युवक ने 4500 रूपए में परमिशन बेच दी। यह परमिशन भी फर्जी थी। जब क्यूआर कोड स्कैन किया गया। तो पूरा मामला खुल गया। पुलिस ने श्रद्धालुओं की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश की। आरोपियों की संख्या दो से बढ़कर सात तक पहुंच गई। इनके नाम पवन शर्मा, मृत्युंजय पांडे, शेखर तिवारी, गौरव शर्मा, विशाल शर्मा, विपिन मकवाना, हर्ष घारिया है। पुलिस के अनुसार अभी जांच जारी है। अगर अन्य लोगों की भी भूमिका सामने आती है। तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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