रामलला के ललाट पर हुआ सूर्य तिलक का अभ्यास: 30 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान, श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा से स्वागत करेंगे इकबाल अंसारी…

Update: 2025-04-05 12:59 GMT
30 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान,  श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा से स्वागत करेंगे इकबाल अंसारी…
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अयोध्या। रामनवमी से एक दिन पहले शनिवार को भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक का सफल अभ्यास किया गया। दोपहर ठीक 12 बजे शुरू हुआ यह अभ्यास 8 मिनट तक चला। इस दौरान भगवान सूर्य की किरणें सीधे रामलला के ललाट पर पड़ीं। आईआईटी रुड़की और चेन्नई के विशेषज्ञ मौजूद रहे। बताया गया कि रामनवमी के दिन ठीक दोपहर 12 बजे सूर्यवंशी भगवान राम के ललाट पर सूर्य तिलक होगा। इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

रामनवमी का महोत्सव आस्था, भव्यता और धार्मिक उल्लास का प्रतीक बन चुका है। इस बार अयोध्या में रामनवमी और भव्य तरीके से मनाई जाएगी। 6 अप्रैल 2025 को होने वाले इस आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं।

राम मंदिर में विराजमान रामलला की यह दूसरी रामनवमी होगी, जिसमें उनके जन्मोत्सव के लिए विशेष अनुष्ठान होंगे। सुबह 10:20 बजे से शुरू होने वाले अनुष्ठानों में रामलला को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और सरयू जल) से स्नान कराया जाएगा।

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्हें कीमती वस्त्र और साफे की पगड़ी या विशिष्ट मुकुट पहनाया जाएगा। दोपहर 12 बजे से 4 मिनट तक रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक होगा, जिसके ट्रायल चल रहे हैं।

रामानंदी परंपरा से होगी पूजा : राम मंदिर के पुजारी संतोष तिवारी ने बताया कि 33 साल तक टाट में रहने के दौरान रामलला का उत्सव प्रतीकात्मक था, लेकिन अब मंदिर ट्रस्ट भव्यता के साथ जन्मोत्सव मना रहा है।

प्रसाद में कुट्टू और सिंघाड़े के आटे से बने फलाहारी व्यंजन, पंजीरी, फल और मेवे चढ़ाए जाएंगे। श्रद्धालु 56 भोग भी अर्पित कर सकेंगे। पूजा रामानंदी परंपरा से होगी, जिसमें रामलला को बालक मानकर उनकी सहजता और कोमलता का ध्यान रखा जाता है।

डीडी चैनल पर होगा लाइव : श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र के अनुसार, रामनवमी पर 30 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। भीड़ प्रबंधन महाकुंभ के पैटर्न पर होगा। गर्मी से बचाव के लिए दर्शन मार्ग पर कैनोपी, चटाई और पेयजल की व्यवस्था की जा रही है।

जूते-चप्पल के लिए स्टैंड बनाए जा रहे हैं। अयोध्या के नागरिक रंगोली और दीप जलाकर उत्सव में शामिल होंगे। सूर्य तिलक का दर्शन गर्भगृह में सीमित लोग ही कर सकेंगे, लेकिन 50 स्थानों पर एलईडी और डीडी पर इसका प्रसारण होगा।

फूलों से सजाया गया मंदिर : मंदिर को आकर्षक लाइटिंग और फूलों से सजाया जाएगा। गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा का अनावरण भी इसी दिन होगा। पिछले तीन दिनों से सोहर और बधावा गीत गाए जा रहे हैं। लाउडस्पीकरों पर भजन और रामचरितमानस के गीत गूंज रहे हैं।

रामकथा गायन, प्रवचन और विविध अनुष्ठान जारी हैं। चंपत राय ने कहा कि 500 सालों के संघर्ष के बाद यह उत्सव ऐतिहासिक है। अयोध्या राममय हो गई है। बाजार सज गए हैं, भजन और रामचरित मानस के गीत बज रहे हैं। रामकथा, प्रवचन और अनुष्ठान शुरू हो चुके हैं।

बाजार भी गुलजार : स्थानीय व्यापारियों के लिए यह मेला रोजगार का बड़े अवसर लेकर आया है। होटल, रेस्टोरेंट और दुकानें सज चुकी हैं। हनुमानगढ़ी के पास लड्डू विक्रेता अंशु गुप्ता के अनुसार, यह मेला साल भर की कमाई का सबसे बड़ा अवसर होता है।

धार्मिक पुस्तक विक्रेता सुशील मौर्य ने बताया कि श्रद्धालु धार्मिक साहित्य खरीदने में रुचि ले रहे हैं। राम पथ के चंद्रा होटल में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। स्टे होम संचालक रघुनाथ के अनुसार, रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यहां का व्यवसाय तेजी से बढ़ा है।

श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा से स्वागत करेंगे इकबाल अंसारी

रामनवमी पर बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार मोहम्मद इकबाल अंसारी श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर रामनवमी मनाएंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या धर्म की नगरी है, यहां भगवान राम का मंदिर है। हनुमानगढ़ी है। सरयू नदी है। देश-दुनिया की आस्था अयोध्या से जुड़ी है।

मोहम्मद इकबाल अंसारी ने कहा कि जितने भी श्रद्धालु अयोध्या आएंगे, उन पर फूलों की वर्षा की जाएगी। अयोध्या आने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, यहां का पंचकोश शुद्ध माना जाता है और यहां कदम रखने वालों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है, जहां सभी धर्मों की विविधताएं साथ-साथ निवास करती हैं। 

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