धर्मांतरण गैंग पर बड़ी कार्रवाई, 3 आरोपी गिरफ्तार, विदेशों से मिलता था पैसा
लखनऊ। धर्म परिवर्तन कराने के मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार को तीन और आरोपितों को पकड़ा है। इनके पास से एटीएस को धर्मांतरण से संबंधित दस्तावेज, ड्राइविंग लाइसेंस, विभिन्न बैंकों के पासबुक और लैपटॉप मिले हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्मांतरण के मामले में हरियाणा निवासी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के ग्राम सिरसला निवासी इरफान शेख और नई दिल्ली निवासी राहुल भोला को गिरफ्तार किया गया है। इनकी गिरफ्तारी मुख्य आरोपित मौलाना उमर गौतम और जहांगीर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद की गई है। तीनों आरोपित उमर गौतम गिरोह के ही हैं।
इस्लाम के लिए प्रलोभन -
एडीजी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त दिल्ली में मिलट्री आफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेटेर का कार्य करता है, जिसके कारण वह मुक बधिरों के बीच अच्छी पहुंच रखता है। वह मुकबधिरों को इस्लाम का ज्ञान देता है। गैर धर्मों के प्रति भड़काता है और इस्लाम के लिए उन्हें अनेक प्रकार के प्रलोभन दिए जाते हैं। जब ये लोग राजी हो जाते है तो आईडीसी में जाकर उमर गौतम के मिलकर जहांगीर आलम से धर्म परिवर्तन कराता है। राहुल भोला मूक बधिर है और इरफान के साथ मिलकर मूक बधिरों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता है। इन्हीं लोग और मुन्नू यादव ने आदित्य गुप्ता और अन्य लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था। इसने ही पूजा स्थल में रखी हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियों को तुड़वा दिया था।
बख्शा नहीं जायेगा -
उल्लेखनीय है कि एटीएस धर्मांतरण के मामले में बीते सोमवार को दिल्ली के जामिया नगर से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली) और मोहम्मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली) को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इन पर हजार से अधिक मूक-बधिर छात्रों और निर्धन लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने का आरोप है। जबकि इस पूरे मामले में स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर बनाये हुए है।उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में तह तक जाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी है उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई की जाए। किसी को भी बख्शा नहीं जाये।