छत्तीसगढ़ में बवाल: धान की खेती पर रोक! पूर्व मंत्री ने साय सरकार पर बोला हमला

Update: 2024-11-18 10:12 GMT

Ruckus over Paddy in Chhattisgarh

Ruckus over Paddy in Chhattisgarh : रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होते ही सियासी बवाल भी शुरू हो गया है। राज्य में यह धान की फसल के बाद धान की खेती नहीं की जाएगी। राज्य सरकार के इसकी रोक के संबंध में आदेश भी जारी कर दिया। यह बात पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू कह रहे है। इसको लेकर उन्होंने छत्तीसगढ़ की साय सरकार पर जमकर हमला बोला है।

गांव- गांव में करवाई जा रही मुनादी 

पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश के कई जिलो में रबी के सीजन में धान बुवाई पर रोक लगा दी गई है, जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया गया है। इतना ही नहीं, गांव-गांव में इसके लिए मुनादी कराई जा रही है। किसान गांजा या अफीम की खेती तो नहीं कर रहे हैं, उन्हें धान बोने के लिए रोका नहीं जाना चाहिए। ऐसा ​करना किसानों को ​हतोत्साहित करने वाला फैसला होगा।

कांग्रेस अफवाह फैलाने वाली फैक्ट्री

कांग्रेस के आरोप पर कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, ऐसा कोई आदेश नहीं निकला गया। कांग्रेस अफवाह फैलाने वाली फैक्ट्री है। कांग्रेस के नेता अनर्गल बयानबाजी करते हैं।

रायपुर, धमतरी और राजनांदगांव जिले में जारी किया आदेश 

बता दें कि, सरकार द्वारा रायपुर, धमतरी और राजनांदगांव जिले में ऐसा आदेश जारी किया गया है, जिसमें साफ लिखा गया है कि किसानों को मक्का, गेहूं, रागी और दलहन फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जाए। दरअसल छत्तीसगढ़ में बीते कुछ सालों में भूमिगत जल का अधिक दोहन किए जाने से जल स्तर बेहद नीचे चला गया है।

धान की खेती के लिए अधिक पानी की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कई इलाकों में पानी की पूर्ति नहीं हो पाने के चलते फसल चौपट हो जाती है, जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है, जबकि मक्का, गेहूं, रागी और दलहन फसलों में पानी की जरूरत कम पड़ती है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार एक जमीन पर बदल-बदलकर फसल बोने से जमीन की उर्वरा क्षमता बनी रहती है और फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है। बस इन्हीं कारणों को देखते हुए प्रशासन की ओर से रबी के सीजन में धान के बदले दलहन तिलहन की बुवाई पर जोर दिया जा रहा है।

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