Chief Minister Resigns: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, राज्य में शांति बहाली की जताई उम्मीद
मणिपुर। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। राज्य में पिछले साल हुई जातीय हिंसा को लेकर उन्होंने पहले भी जनता से माफी मांगी थी। बीरेन सिंह ने स्वीकार किया था कि 2023 राज्य के लिए कठिन समय रहा, जहां कई लोगों ने अपनों को खो दिया और अपने घरों से बेघर हो गए। हालांकि, उन्होंने हाल के महीनों में शांति की बहाली पर संतोष व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि 2025 तक मणिपुर में स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।
इस्तीफे में एन. बीरेन सिंह की अपील: मणिपुर की अखंडता, सीमा सुरक्षा और नशा मुक्त राज्य पर दिया जोर
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा कि मुख्यमंत्री के रूप में मणिपुर की सेवा करना उनके लिए सम्मान की बात रही है। उन्होंने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया, जिसने राज्य के विकास, सुरक्षा और विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वे इसी तरह राज्य के हित में कार्य करते रहें।
Manipur CM N Biren Singh hands over the letter of resignation from the post of Chief Minister to Governor Ajay Kumar Bhalla at the Raj Bhavan in Imphal. pic.twitter.com/zcfGNVdPPo
— ANI (@ANI) February 9, 2025
अपने इस्तीफे में बीरेन सिंह ने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया:
मणिपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अखंडता को बनाए रखा जाना चाहिए।
सीमा पर घुसपैठ रोकने और अवैध प्रवासियों को देश से बाहर करने के लिए ठोस नीति बनाई जाए।
नशे और ड्रग्स से जुड़े आतंकवाद के खिलाफ अभियान जारी रहना चाहिए।
एमएफआर (MFR) की नई और सख्त व्यवस्था लागू हो, जिसमें बायोमेट्रिक जांच अनिवार्य हो।
राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा के लिए तेजी से और समयबद्ध कदम उठाए जाएं।
बीरेन सिंह ने अपने पत्र में राज्य की सुरक्षा और स्थिरता को प्राथमिकता देने की बात कही और उम्मीद जताई कि मणिपुर में शांति और विकास जारी रहेगा।
मणिपुर हिंसा के दबाव में बीरेन सिंह
मणिपुर में मई 2023 से जारी जातीय हिंसा के कारण मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह भारी दबाव में थे। इस हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। नवंबर में जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और उनके बच्चों की हत्या के बाद हालात और बिगड़ गए थे। लगातार हिंसा के चलते मुख्यमंत्री को पद से हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी थी। एनडीए की सहयोगी पार्टी एनपीपी ने भी मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस लेकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी।
कैसे भड़की मणिपुर में जातीय हिंसा?
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 को हुई थी। यह हिंसा तब भड़की, जब आदिवासी छात्रों के संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की थी। इस रैली में मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने के मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध किया गया था। इसके बाद राज्य में लगातार हिंसा जारी रही, जिससे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी।
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