कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहीं है मोदी सरकार की ये योजनाएं ...

Update: 2020-04-16 11:23 GMT

नईदिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण भारत में बड़ी तेजी से फ़ैल रहा है। देश में तीन हफ़्तों के लॉकडाउन के दौरान अबतक 12 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके है। देश में लगातार बढ़ते मामलों के बावजूद भारत की स्थिति अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है। कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया था। जिसे संक्रमण के नए मामले सामने आने पर 19 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।  देश में लॉकडाउन घोषित होने पर जनता को आवश्यक सामग्री की आपूर्ति, रोजगार ठप होने से धन की होने वाली कमी, स्वास्थ्य, ईधन आदि की चिंता सताने लगी थी।  विपक्षी पार्टियां भी लॉकडाउन को बिना तैयारी के उठाया हुआ कदम बता रही थी। 

केंद्र सरकार ने देश में आने वाली ऐसी आपदाओं से निपटने की योजना 2014 में सत्ता में आते ही शुरू कर दी थी। मोदी सरकार की विभिन्न जन हितैषी योजनाओं का परिणाम है की लॉकडाउन के 21 दिन देशवासियों ने बेहद आसानी से घर में बैठकर गुजार दिए। देश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की घोषणा होने पर भी विरोध और अफरा-तफरी का माहौल नहीं बना।  लॉकडाउन की सफलता में प्रशासनिक अमले के साथ मोदी सरकार की पूर्व में शुरू की गई योजनाएं है। जैसे की जनधन योजना जिसे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जुमला बताया था। डिजिटल इण्डिया, मेक इन इण्डिया, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, आयुष्मान योजना।  मोदी दरकार की यह वह योजनाऐं है जो लॉकडाउन के दौरान कोरोना के खिलाफ जंग में कारगार साबित हो रही है।  आइये जानते क्या थी यह योजनाएं और किस प्रकार यह लॉकडाउन के दौरान कोरोना को हहराने में सहयोग दें रहीं है।  

1- डिजिटल इंडिया - 

मोदी सरकार की दूरगामी सोच का परिणाम डिजिटल इण्डिया आज कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे प्रमुख हथियार साबित हो रही है।  लॉकडाउन के दौरान जब ज्यादातर  ऑफलाइन सेवाएं बंद हो गई है, तब डिजिटल इंडिया से लोगों की राह काफी आसान हुई है। डिजिटल इण्डिया की वजह से आज घर बैठे लोग शॉपिंग कर पा रहे है। दूध, फल, सब्जी, किराना जैसी आवश्यक वस्तुओं की होम डिलवरी एवं ऑनलाइन मेडिकल काउंसिलिंग, ऑनलाइन क्लासेस  आदि कार्यों के साथ घर बैठे बिजली, टेलीफोन बिल, बीमा प्रीमियम, बैंकों की ईएमआई का भुगतान की सुविधा दी है। सभी कार्य ऑनलाइन होने से एक दूसरे के संपर्क में आने का खतरा भी कम हुआ है।  



 


2 . जन धन योजना

देश में लॉकडाउन घोषित होने के बाद सभी उद्योग, धंधे बंद होने की वजह से सभी मजदूर बेरोजगार हो गये है। रोजगार ना मिलने से गरीब मजदूरों के सामने घर खर्च चलाने की समस्या उत्पन्न हो गई थी।  उस समय मोदी सरकार द्वारा साल  2014 में शुरू की गई जन धन योजना ने अहम भूमिका निभा रही है।  केंद्र सरकार ने राहत पैकेज में महिलाओं के जन धन खातों में तीन महीनों तक 500-500 रुपए डालने का ऐलान किया है।  इस राशि के मिलने से उनकी समस्याओं का अंत हो गया है।  



3- उज्जवला योजना

केंद्र सरकार की इस योजना का भी विपक्ष ने उपहास उड़ाया था।इसके तहत गरीब परिवारों को फ्री में गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए थे। आज लॉकडाउन के दौरान इस योजना ने गरीबों के सामने ईधन की समस्या को समाप्त कर दिया है। सरकार ने  तीन महीनों तक 8 करोड़ गरीब परिवारों को उज्जवला योजना के तहत सिलेंडर देने का ऐलान किया है। 



 4.  मेक इन इंडिया

मोदी सरकार ने साल 2014 में मेक इन इंडिया की शुरुआत की थी। इस योजना का मीडिया एवं विपक्ष ने विरोध जताया था। इसे एक जहांगीर के समान भूल कहा था। लेकिन आज इसी योजना की वजह से कोरोना से लड़ने के लिए भारत में पीपीई किट, वेंटिलेटर से लेकर एन 95 मास्क तक मेक इन इंडिया के तहत निर्मित हो रहे है।  


5 . प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 

मोदी सरकार ने साल 2018 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत गरीब लोगों को सालाना 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है।आज कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार की यह योजना बड़ी भूमिका निभा रही है।  भारत सरकार ने इस योजना के तहत कोरोनावायरस का टेस्ट और इलाज मुफ्त में कराने का ऐलान किया है। सरकार का मानना है कि इससे करीब 50 करोड़ नागरिकों को फायदा होगा।



 


6. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

मोदी सरकार ने साल 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत गरीब किसानों को सम्मान निधि दी जाती है। कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में लॉकडाउन के दौरान इस योजना के तहत गरीब किसानों के खातों में दो- दो हजार रूपए डालने की घोषणा की है। इस योजना के तहत 8.31 करोड़ किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए भेजे जा चुके हैं।



 




 


 














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