कैबिनेट : गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बन की खोज और दोहन के लिए नीति-रूपरेखा को दी मंजूरी
नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को शेल ऑयल व गैस, कोल बेड मीथेन इत्यादि जैसे गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बन की खोज और दोहन के लिए नीति-रूपरेखा को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मौजूदा रकबे में गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बन की क्षमता का दोहन करने के संबंध में लाइसेंसधारी व पट्टाधारी मौजूदा ठेकेदारों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्तमान उत्पादन साझेदारी संविदाओं, सीवीएम संविदाओं और नामित क्षेत्रों के तहत इसका अनुपालन किया जाएगा।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार इस नीति से वर्तमान संविदा क्षेत्रों में संभावित हाइड्रोकार्बन भंडारों के उपयोग के लिए क्षमता बढ़ेगी, जो अब तक खोजे नहीं गये थे और जिनका दोहन नहीं हुआ था। इस नीति के कार्यान्वयन से नयी हाइड्रोकार्बन खोजों के संबंध में अन्वेषण और उत्पादन गतिविधियों में नया निवेश तथा परिणामस्वरूप घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी की आशा की जाती है। अतिरिक्त हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज और दोहन से नये निवेश में तेजी आने, आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होने, अतिरिक्त रोजगार सृजन होने की आशा है, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ होगा। इससे नई, अभिनव और उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी की संभावना बढ़ेगी तथा गैर-पारंपारिक हाइड्रोकार्बन के दोहन के लिए नये प्रौद्योगिकी सहयोग का रास्ता खुलेगा।