कोरोना लॉक डाउन : अब भारत में 13.5 करोड़ लोग हो जाएंगे बेरोजगार, 12 करोड़ लोग हो जाएंगे गरीब - रिपोर्ट
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी अर्थव्यवस्था के लिए भी घातक साबित हुआ है। एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की वजह से भारत में 13.5 करोड़ लोगों का रोजगार छिन सकता है तो 12 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाएंगे। उपभोक्ताओं की आमदनी, खर्च और बचत पर इसका बुरा असर होगा।
इंटरनेशनल मैनेजमेंट कंस्लटिंग फर्म अर्थर डी लिटिल की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस का सबसे बुरा असर भारत के कमजोर तबगे पर पड़ेगा। रोजगार छिनेगा, गरीबी बढ़ेगी और प्रतिव्यक्ति आय कम होगी। इससे जीडीपी में तेज गिरावट आएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, ''कोविड-19 के लगातार बढ़ते केसों को देखते हुए हमारा अनुमान है कि भारत के मामले में W शेप रिकवरी होगी। इसकी वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 10.8 पर्सेंट का संकुचन होगा और 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ 0.8 पर्सेंट रहेगी।''
भारत में कोरोना वायरस केसों की संख्या 90 हजार के पार चली गई है और देश में अब तक 2,800 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बेरोजगारी दर 7.6 पर्सेंट से बढ़कर 35 पर्सेंट तक जा सकती है। इससे 13.6 करोड़ लोगों का रोजगार छिन जाएगा और देश में कुल 17.4 करोड़ लोग बेरोजगार होंगे। लोगों को गरीबी से निकालने के अभियान को झटका लगेगा और करीब 12 करोड़ लोग गरीब हो जाएंगे, जबकि 4 करोड़ बेहद गरीब हो जाएंगे।
अर्थर डी लिटिल के इंडिया और साउथ एशिया मैनेजिंग पार्टनर और सीईओ बार्निक चितरन मित्रा ने कहा, ''वित्त वर्ष 21 में संभावित 10.8 पर्सेंट संकुचन के साथ भारत W शेप रिकवरी की ओर बढ़ रहा है। भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा।''