भारत की संस्कृति, संस्कार,संकल्प ने देश को एकता के सूत्र में बांध रखा है : नकवी
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'सामंती फोटो फ्रेम में फिक्स फैमिली' को भारत की संस्कृति, संस्कार के संकल्प से सराबोर सहिष्णुता समझ में नहीं आएगी। भारत की इसी संस्कृति-संस्कार-संकल्प ने इतने बड़े देश को 'अनेकता में एकता' के सूत्र से बाँध रखा है।
नकवी ने शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 'भारत के सहिष्णुता के डीएनए बदलने' का ज्ञान देने वाले 'कांग्रेसी अज्ञानियों' को समझना होगा कि 'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया:', सनातन संस्कृति-संस्कार ही भारत का डीएनए था, है और रहेगा। देश अपनी संस्कृति, संस्कार, सहिष्णुता के किसी 'पोलिटिकल पाखंड की प्रयोगशाला' में डी.एन.ए टेस्ट का मोहताज नहीं है। भारत की इसी संस्कृति-संस्कार-संकल्प ने इतने बड़े देश को 'अनेकता में एकता' के सूत्र से बाँध रखा है।
केंद्रीय मंत्री ने ने कहा कि सच तो यह है कि पिछले एक दशक से ज्यादा समय से 'सबका साथ, सबका विकास' के संकल्प से काम करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, 'बोगस बैशिंग ब्रिगेड' की असहिष्णुता के सबसे बड़े शिकार रहे हैं। यह 'साजिशी सिंडिकेट' देश को बदनाम करने की 'साजिशी सनक' में पागलपन की हद तक पहुँच गया है। नकवी ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस और उसके नेता 'पैंडेमिक (आपदा) पीरियड में पोलिटिकल पाखंड की प्रयोगशाला' बन गए हैं। 'संकट के समाधान' का हिस्सा बनने की बजाय 'सियासी व्यवधान का किस्सा' बनते जा रहे हैं।
नकवी ने कहा कि 'कांग्रेस का राजनैतिक कंटक उसकी सोंच का संकट बन गया है।' कांग्रेस के नेता इसी संकट की 'सियासी सनक' में देश की छवि खराब करने की साजिश में लगे हैं, कभी आतंकियों के मारे जाने पर सवाल, कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर बवाल, कोरोना से लड़ाई पर कन्फ्यूजन फैलाना और अब देश को असहिष्णु साबित करने का प्रपंच, कांग्रेस एवं उसके नेताओं द्वारा देश की संस्कृति, संस्कार, सुरक्षा एवं संकल्प के प्रति अज्ञानता की पराकाष्ठा है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि 'फ्यूडल (सामंती) फोटो फ्रेम में फिक्स पार्टी' 'फाउल फंडे, कन्फ्यूज्ड एजेंडे' की 'किटी पार्टी' में सिमटी जा रही है।