नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को आयोजित नीट यूजी परीक्षा रद्द करने की मांग खारिज कर दी है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट उस परीक्षा को रद्द नहीं करेगा, जिसमें साढ़े सात लाख छात्रों ने भाग लिया है। यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गई थी न कि स्थानीय स्तर पर। फर्जी उम्मीदवारों को परीक्षा में सम्मिलित कराने और पेपर लीक कराने के कथित घटनाओं से परीक्षा में बैठने वाले लाखों छात्रों का नुकसान नहीं किया जा सकता है।
याचिका में नीट यूजी के दोबारा आयोजन की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि इस बार ऐसी सुरक्षा व्यवस्था रखी जाए, जिससे धांधली न हो सके। याचिका नीट यूजी में शामिल कुछ परीक्षार्थियों ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि 12 सितंबर को आयोजित नीट यूजी के पेपर लीक हुए हैं। याचिका में आरोप लगाया गया था कि पेपर लीक कराने में कुछ कोचिंग संस्थानों की मिलीभगत है। याचिका में मांग की गई थी कि नीट यूजी की परीक्षा निरस्त की जाए। अगर परीक्षा निरस्त नहीं की गई तो इससे मेरिट वाले छात्र प्रभावित हो रहे हैं।
छात्रों की ओर से वकील ममता शर्मा ने कहा कि नीट परीक्षा के दिन सीबीआई ने केस दर्ज किया और चार लोगों को गिरफ्तार किया। परीक्षा में हेराफेरी की गई और कुछ परीक्षार्थियों के बदले दूसरे से परीक्षा दिलवाई गई। इसके लिए कोचिंग संस्थानों ने एक उम्मीदवार से 50 लाख रुपये तक लिए थे। इस मामले में सीबीआई के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र की पुलिस ने भी अलग-अलग केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ऐसी स्थिति में नीट यूजी की परीक्षा रद्द होनी चाहिए।