दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभाव के कारण संभव हुई यूक्रेन से छात्रों की निकासी : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए
पुणे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्धरत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों की निकासी के लिये चलाये जा रहे 'ऑपरेशन गंगा' को भारत के बढ़ते प्रभाव का जीवंत उदाहरण बताते हुये कहा कि हम हजारों छात्रों को स्वदेश ला चुके हैं, जबकि दुनिया के कई बड़े-बड़े देशों को अपने नागरिकों के लिए ऐसा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को पुणे स्थित सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट के स्वर्ण जयंती समारोह की शुरुआत करने के बाद छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने सिम्बायोसिस आरोग्य धाम परिसर का भी लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय में 'वसुधैव कुटुम्बकम्' पर अलग से एक पाठ्यक्रम होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि ज्ञान के व्यापक प्रसार के साथ ही पूरे विश्व को एक परिवार मानना हमारी संस्कृति रही है। यह परंपरा हमारे देश में आज भी जीवंत है।प्रधानमंत्री ने 2014 के बाद भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम विकसित करने का उल्लेख करते हुये कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, मेक-इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे मिशन आज युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आज का इंडिया इनोवेट कर रहा है, सुधार कर रहा है और पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है।
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि पुणे में रहने वाले लोग अच्छी तरह जानते हैं कि कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भारत ने किस तरह पूरी दुनिया के सामने अपना सामर्थ्य दिखाया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उपजे हालात का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि अभी आप लोग यूक्रेन संकट के समय भी देख रहे हैं कि कैसे ऑपरेशन गंगा चलाकर भारत अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाल रहा है। दुनिया के बड़े-बड़े देशों को भी ऐसा करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन यह भारत का बढ़ता प्रभाव है कि हजारों छात्रों को अपने वतन वापस ला चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि आज की युवा पीढ़ी खुशनसीब है कि उसे पहले वाली रक्षात्मक और आश्रित मनोविज्ञान (डिपेन्डन्ट साइकालजी) का नुकसान नहीं उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि मोबाइल निर्माण में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है। सात साल पहले भारत में सिर्फ दो मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां थीं, आज 200 से ज्यादा मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स इस काम में जुटी हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में जो सरकार है, वो देश के युवाओं के सामर्थ्य पर, आपके सामर्थ्य पर भरोसा करती है। इसलिए हम एक के बाद एक सेक्टर्स को आपके लिए खोलते जा रहे हैं। इन अवसरों का खूब फायदा उठाइये। आप चाहे जिस किसी फील्ड में हों, जिस तरह आप अपने करियर के लिए लक्ष्य तय करते हैं, उसी तरह आपके कुछ लक्ष्य देश के लिए होने चाहिए।