नईदिल्ली। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित पावरिंग इंडियाज हाइड्रोजन इको सिस्टम इंटरनेशनल क्लाइमेट सम्मिट 2021 को सम्बोधित किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने अक्षय ऊर्जा, स्थायी आवास, अतिरिक्त वन और वृक्षों के आवरण के माध्यम से कार्बन सिंक के निर्माण,जलवायु प्रतिबद्धताओं के लिए निजी क्षेत्र को लामबंद करने जैसे कई मजबूत कदम उठाकर उदाहरण पेश किया है। उन्होंने बताया कि साल 2030 तक हम अपनी ऊर्जा उपभोग का 40 प्रतिशत नान फॉसिल स्रोतों से पूरा करेंगे। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन एक विकल्प के रूप में देखा जा सकता है । ग्रीन हाइड्रोजन एक आशा की किरण है।